उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) भर्ती परीक्षा रविवार को प्रदेश के सभी 75 ज़िलों में कड़ी सुरक्षा के बीच एक पाली में आयोजित की गई। यह परीक्षा सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे तक चली, जिसमें लाखों उम्मीदवारों ने भाग लिया। परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 2,382 केंद्र बनाए गए थे।
परीक्षा की निगरानी के लिए सभी ज़िलाधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया था और पुलिस प्रशासन को कड़े दिशा-निर्देश दिए गए थे ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। पहली बार परीक्षा केंद्रों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया गया, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल अलर्ट जारी होता रहा।
सख्त जांच और नियमों की पालना
परीक्षा केंद्रों के प्रवेश द्वार पर अभ्यर्थियों की सख्ती से तलाशी ली गई। केवल एडमिट कार्ड और वैध पहचान पत्र दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया गया। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी अनिवार्य रहा। कई महिला अभ्यर्थियों को कान की बालियां और चेन तक उतारनी पड़ी, जबकि कुछ केंद्रों पर पानी की बोतल और वाहन की चाबी तक अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी गई।
पुरुष अभ्यर्थियों को भी बेल्ट जैसे सामान बाहर रखने को कहा गया। कुछ परीक्षार्थी देर से पहुंचने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। इनमें कई महिला अभ्यर्थी शामिल थीं, जो केंद्र के बाहर रोते हुए देखी गईं।
2024 में पेपर लीक, इस बार चाक-चौबंद बंदोबस्त
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 11 फरवरी को आयोजित यही परीक्षा पेपर लीक होने के चलते रद्द कर दी गई थी। इस बार उस घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्था पहले से कहीं अधिक सख्त की गई थी।
पेपर का स्तर: मिला-जुला अनुभव
अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ को सामान्य अध्ययन और आधुनिक इतिहास के प्रश्न कठिन लगे, तो कई ने पेपर को पिछले वर्ष की तुलना में आसान बताया। हिंदी खंड से 60 प्रश्न पूछे गए, जिनमें पर्यायवाची और व्याकरण से संबंधित सवालों ने कई को भ्रमित किया। वहीं, गणित और रीजनिंग के प्रश्न कम रहे जबकि जीएस का हिस्सा अधिक व्यापक था। अधिकांश परीक्षार्थियों ने पेपर को ‘मॉडरेट’ स्तर का बताया।