प्रदेश के 70 हजार से अधिक परिषदीय स्कूलों में अब बालवाटिकाओं का संचालन शुरू कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रारंभिक और कंपोजिट स्कूलों में स्थापित बालवाटिकाओं के माध्यम से बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास की मजबूत नींव रखी जा रही है।
3 से 6 साल के बच्चों के लिए तैयार ये बालवाटिकाएँ खेल-खेल में सीखने का वातावरण प्रदान करती हैं, जो उनके सामाजिक कौशल, रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करती हैं। बच्चों की स्कूल रेडिनेस में सुधार, सीखने में रुचि और प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि वे कक्षा-1 में प्रवेश से पहले मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह तैयार हों। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बालवाटिकाओं का शुभारंभ किया गया था।
बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें बालमैत्रिक फर्नीचर, रंग-बिरंगे कक्षा-कक्ष, आउटडोर खेल सामग्री, लर्निंग कॉर्नर और गतिविधि-आधारित वंडर बॉक्स शामिल हैं। इसके साथ ही अभ्यास पुस्तिकाएँ, स्टेशनरी और अन्य शिक्षण-सामग्री (TLM) भी बच्चों को प्रदान की जाती हैं। प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में प्रशिक्षित ECCE एजुकेटर्स तैनात हैं, ताकि बच्चे खेल-खेल में सीख सकें और उनका सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल सरकारी स्कूलों में नर्सरी, LKG और UKG जैसी सुव्यवस्थित प्रारंभिक शिक्षा उपलब्ध करवा रही है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास, सीखने की रुचि और आत्मविश्वास बढ़ रहा है। मंत्री ने इसे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा के नए मानक के रूप में बताया।