लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पुलिस विभाग को सख्त निर्देश दिए हैं कि संवेदनशील स्थानों पर ऐसे पुलिसकर्मियों की तैनाती न की जाए जो ड्यूटी के दौरान रील या वीडियो बनाने के शौकीन हों। उन्होंने कहा कि पुलिस बल का आचरण अनुशासन और जनसेवा की मर्यादा के अनुरूप होना चाहिए।

सोमवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, ददरी मेला और गढ़मुक्तेश्वर मेले जैसे आगामी पर्वों और आयोजनों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कानून-व्यवस्था, आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन और धान खरीद की प्रगति की भी जानकारी ली।

योगी ने कहा कि सभी पर्वों और मेलों के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा और सतर्कता सर्वोच्च प्राथमिकता पर होनी चाहिए। घाटों पर प्रकाश व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, फ्लोटिंग बैरियर, चिकित्सा सुविधाएं, मोबाइल टॉयलेट और खोया-पाया केंद्र जैसी व्यवस्थाएं पहले से पूरी कर ली जाएं। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि इस दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का जलस्तर अभी ऊँचा है, ऐसे में स्नान घाटों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों की तैनाती की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि बिना लाइफ जैकेट के कोई नौकायन न करे। काशी, अयोध्या, प्रयागराज, हापुड़, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, बदायूं और बलिया जैसे जिलों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।

धान खरीद पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त की जाए और भुगतान समय से किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि बारिश से प्रभावित फसलों का त्वरित सर्वेक्षण कर किसानों को मुआवजा तत्काल दिया जाए।

अवैध खनन पर सख्ती दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष टीम बनाकर औचक निरीक्षण किए जाएं और किसी भी अनियमितता की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही गो-आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करने को कहा कि सभी गोवंश को भोजन, पानी और चिकित्सा की सुविधा समय पर मिलती रहे।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आशा बहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रसोइयों और अन्य मानदेय कर्मियों को हर माह समय से भुगतान किया जाए ताकि उन्हें किसी तरह की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।