लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए तीन नए निजी विश्वविद्यालयों के संचालन और स्थापना को हरी झंडी दे दी है। बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इन विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों को संचालन प्राधिकृत पत्र और आशय पत्र सौंपे।

मंत्री ने बताया कि राधा गोविंद विश्वविद्यालय (चंदौसी, संभल) और बोधिसत्व विश्वविद्यालय (बाराबंकी) को संचालन की अनुमति मिल चुकी है, जहां अब विद्यार्थी प्रवेश लेकर अध्ययन शुरू कर सकेंगे। वहीं ठाकुर युगराज सिंह विश्वविद्यालय (फतेहपुर) के लिए उसके प्रायोजक एंग्लो संस्कृत कॉलेज को आशय पत्र प्रदान किया गया है। संस्था को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कम से कम 20 एकड़ भूमि और 5 करोड़ रुपये की निधि की व्यवस्था करनी होगी।

योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के विस्तार, कौशल आधारित शिक्षा और युवाओं को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण अध्ययन के अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “इन निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से छात्रों को अपने ही क्षेत्र में उच्च शिक्षा, अनुसंधान और रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।”

इस अवसर पर प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल, सचिव अमृत त्रिपाठी और विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी भी मौजूद रहे।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने भदोही (संतकबीरनगर) स्थित काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को काशी नरेश विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी है। यह प्रदेश का 24वां राजकीय विश्वविद्यालय होगा।

मंत्री उपाध्याय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के विद्यार्थियों को कम शुल्क में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 51 निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है, जो सरकार की उच्च शिक्षा के विस्तार की नीति को गति दे रहे हैं।