लखनऊ। शहरी क्षेत्रों में मिश्रित उपयोग (रेज़िडेंशियल + कमर्शियल) को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के कई अहम नियमों में बदलाव कर दिए हैं। विभाग ने नई उपविधियों और ज़ोनिंग रेगुलेशन्स को लागू करते हुए चौड़ी सड़कों पर मकानों के साथ दुकानों के निर्माण की अनुमति औपचारिक रूप से दे दी है। यह संशोधन जुलाई में कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब आदेश के रूप में जारी किए गए हैं।
नए प्रावधानों के तहत 100 वर्ग मीटर आवासीय और 30 वर्ग मीटर व्यावसायिक भूखंड पर निर्माण के लिए अब नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं रहेगा। विभाग ने उप्र भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 को हटाकर उप्र विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 को प्रभावी कर दिया है।
बदलावों के अनुसार,
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10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 24 मीटर चौड़ी सड़कों पर
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छोटे शहरों में 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर
आवासीय भवनों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों की मंजूरी दी जाएगी।
स्वीकृत लेआउट में 500 वर्ग मीटर आवासीय और 200 वर्ग मीटर व्यावसायिक प्लॉट के लिए ऑनलाइन जमा नक्शा ट्रस्ट-बेस्ड सिस्टम के तहत स्वतः स्वीकृत माना जाएगा।
सरकार ने ज्यादातर वर्गों में एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) बढ़ा दिया है, जबकि 45 मीटर चौड़ी सड़क से जुड़े भूखंडों पर एफएआर की सीमा ही समाप्त कर दी गई है। कई निर्माण श्रेणियों में पहुंच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई भी घटाई गई है।
नई व्यवस्था के अनुसार—
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7 मीटर चौड़ी सड़क पर कृषि भूमि पर उद्योग और हेरिटेज होटल की अनुमति
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9 मीटर चौड़ी सड़क पर बिना बेड वाले मेडिकल संस्थान और प्राथमिक विद्यालय
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18 मीटर चौड़ी सड़क पर शॉपिंग मॉल बनाने की मंजूरी दी गई है
भवन ऊंचाई संबंधी सभी पुराने प्रतिबंध भी हटा दिए गए हैं।
इसके साथ ही, अब न्यूनतम 3000 वर्ग मीटर के भूखंड पर चिकित्सालय और शॉपिंग मॉल बनाए जा सकेंगे। शिक्षण संस्थानों के लिए खेल मैदान और खुले क्षेत्रों के मानक भी निर्धारित किए गए हैं।
ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के लिए प्लॉट आकार में भी बड़ा परिवर्तन किया गया है—
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निर्मित क्षेत्र में आवश्यकता 2000 से घटाकर 1000 वर्ग मीटर
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अनिर्मित क्षेत्र में 1500 वर्ग मीटर
किया गया है।
बहु-इकाइयों वाले भवनों के लिए प्लॉट आकार अब 150 वर्ग मीटर तय किया गया है।
पार्किंग व्यवस्था से जुड़े नियम भी नए सिरे से अधिसूचित कर दिए गए हैं।