योगी सरकार ने 52 प्रतिशत से अधिक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी के उत्थान के लिए मजबूत खाका तैयार किया है। इसी के तहत ओबीसी वर्ग की गरीब कन्याओं के लिए शादी अनुदान राशि 20 हजार से बढ़ाकर 60 हजार किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वर्ष 2024-25 में 3222499 ओबीसी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की गई।
वहीं, पिछले आठ वर्षों में कुल 20753457 छात्रों को 13535.33 करोड़ रुपये का लाभ मिला। यह राशि पूर्ववर्ती सरकार के 4197 करोड़ रुपये के व्यय से चार गुना अधिक है, जो योगी सरकार की ओबीसी समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाती है।
विभाग का लक्ष्य 2047 तक 7 करोड़ से अधिक ओबीसी छात्रों को 80000 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति देकर शिक्षा के माध्यम से सामाजिक बराबरी सुनिश्चित करना है। इसी तरह से आठ वर्षों में 1221 करोड़ रुपये खर्च कर 610483 बेटियों की शादी कराई गई, जबकि पूर्ववर्ती सरकार में यह संख्या महज 275311 और व्यय 344 करोड़ रुपये था। अब अनुदान राशि को 20000 रुपये से बढ़ाकर 60000 रुपये करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। 2047 तक 24 लाख बेटियों को 14400 करोड़ रुपये का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।
11 लाख युवाओं को करेंगे प्रशिक्षित
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के तहत 2047 तक का लक्ष्य 11 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करना और 3850 करोड़ रुपये व्यय करना है। ओबीसी छात्रावासों के रखरखाव और नए निर्माण को 2047 तक प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि निशुल्क आवास सुविधा से अधिक से अधिक ओबीसी छात्र लाभांवित हों। इस बारे में पिछड़ा वर्ग कल्याण व दिव्यांग सशक्तीकरण राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ओबीसी समुदाय की भागीदारी के बिना विकास अधूरा है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की इन पहलों से न केवल ओबीसी युवाओं को अवसर मिल रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।