दिल्ली में हुए धमाके के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ा दी गई है। सहारनपुर से लेकर नेपाल सीमा तक जिलों में पुलिस गश्त और जांच तेज कर दी गई है। यूपी एटीएस और एनआईए मिलकर संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई हैं।

सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद माड्यूल से जुड़े डॉ. आदिल की गिरफ्तारी के बाद उसके पांच करीबियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आशंका है कि डॉ. आदिल के साथ जुड़े अन्य लोग नेपाल के रास्ते भाग सकते हैं। इस कारण नेपाल सीमा वाले जिलों में पुलिस विशेष सतर्कता बरत रही है।

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर और लखनऊ में आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की है। इसके बाद यूपी एटीएस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। वहीं, गृह मंत्रालय ने जांच एनआईए के सुपुर्द कर दी है, और लखनऊ स्थित एनआईए कार्यालय को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कई जिलों में सघन छानबीन की जा रही है।

खासकर जैश-ए-मोहम्मद के स्लीपिंग माड्यूल्स एजेंसियों की नजर में हैं। एटीएस और एनआईए अधिकारी नेपाल सीमा पर एसएसबी के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं। नेपाल सीमा से अक्सर कश्मीरी नागरिक आते-जाते रहते हैं, इसलिए यहां अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम की समीक्षा डीजीपी मुख्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में भी की गई।

हर जिले में सुरक्षा बढ़ाई गई है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी समेत अन्य संवेदनशील धार्मिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। डीजीपी ने भीड़भाड़ वाले बाजार, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और एयरपोर्ट में पुलिस गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जीआरपी को भी ट्रेनों में संदिग्धों की तलाशी लेने को कहा गया है।

इस कदम से राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां संभावित खतरे को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।