उत्तर प्रदेश के उन सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में, जहां केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं, जल्द ही अतिरिक्त शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से सरप्लस (अतिरिक्त) शिक्षकों को एकल विद्यालयों में समायोजित किया जाए। शासन की स्वीकृति के बाद इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

रिपोर्ट में सामने आई स्थिति
शिक्षा मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 81 विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें एक भी छात्र नामांकित नहीं है, जबकि 9,508 विद्यालय केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह रिपोर्ट 2024-25 के आंकड़ों पर आधारित है। बेसिक शिक्षा विभाग के मुताबिक, पिछले वर्ष तीन चरणों में किए गए तबादला और समायोजन के दौरान कई एकल विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षकों की तैनाती हो चुकी है। फिलहाल लगभग चार हजार विद्यालय ही ऐसे हैं, जहां अभी भी केवल एक शिक्षक कार्यरत हैं।

नई तैनाती की प्रक्रिया शुरू
विभाग ने अब शेष एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती के लिए नई कवायद शुरू कर दी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि आगामी चरण में जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में बनी कमेटी स्थानीय सरप्लस शिक्षकों की पहचान कर उन्हें एकल विद्यालयों में नियुक्त करेगी।

हर विद्यालय में दो शिक्षक सुनिश्चित करने का लक्ष्य
विभाग का उद्देश्य है कि प्रत्येक विद्यालय में कम से कम दो नियमित शिक्षक अनिवार्य रूप से हों। शिक्षामित्रों को इसमें शामिल नहीं किया गया है। हाल के तबादलों के बाद जो विद्यालय पुनः एकल हो गए हैं, वहां शिक्षकों की वापसी की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था सुचारू और गुणवत्तापूर्ण बनी रहे।