उत्तर प्रदेश अब सिर्फ़ आबादी या राजनीति के लिए नहीं, बल्कि आर्थिक ताकत के लिए भी सुर्खियों में है। हुरुन इंडिया रिच लिस्ट–2025 में राज्य से कुल 41 अरबपति शामिल हुए हैं। इसमें सबसे आगे नोएडा रहा है, जहाँ से 15 उद्योगपति इस सूची में जगह बनाने में कामयाब हुए। दूसरा स्थान कानपुर ने हासिल किया है, जिसने इस बार लखनऊ, गाजियाबाद और आगरा को पीछे छोड़ दिया।
नोएडा के आदित्य खेमका सबसे अमीर, अलख पांडेय दूसरे पायदान पर
नोएडा के आदित्य इंफोटेक समूह के मालिक आदित्य खेमका 35,140 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ यूपी के सबसे धनी उद्योगपति बने। उनके बाद शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अलख पांडेय (फिजिक्स वाला) 14,520 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
तीसरे नंबर पर लखनऊ के पीटीसी इंडस्ट्रीज के सचिन अग्रवाल (11,320 करोड़ रुपये) और चौथे नंबर पर कानपुर के आरएसपीएल समूह के मुरली बाबू (8,880 करोड़ रुपये) हैं। वहीं नोएडा स्थित इंफोएज इंडिया के हितेश ओबेरॉय 7,830 करोड़ रुपये के साथ टॉप-5 में शामिल हुए।
नोएडा-कानपुर की नई उड़ान
नोएडा, जो आईटी और स्टार्टअप्स का उभरता केंद्र है, अब रियल एस्टेट, ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर के उद्यमियों के दम पर ‘अरबपतियों की राजधानी’ बन गया है। कानपुर, जिसे लंबे समय से लेदर और टेक्सटाइल इंडस्ट्री का गढ़ माना जाता है, अब आधुनिक एफएमसीजी, मैन्युफैक्चरिंग और केमिकल सेक्टर के कारोबारियों के साथ भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।
हुरुन इंडिया के फाउंडर अनस रहमान जुनैद का कहना है कि यूपी का बढ़ता औद्योगिक आधार, निवेश के नए अवसर और स्टार्टअप कल्चर इस बदलाव के प्रमुख कारण हैं।
छोटे शहरों से भी चमके नाम
यूपी के बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों ने भी अपनी पहचान बनाई है। आगरा से पाँच, लखनऊ से चार, गाजियाबाद से तीन और प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, फैजाबाद, बुलंदशहर व दादरी से एक-एक अरबपति इस सूची में शामिल हैं।
सबसे चर्चित चेहरों में प्रयागराज के अलख पांडेय, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र से अरबपति बनने का नया उदाहरण पेश किया है, खास आकर्षण का केंद्र बने।
शहरवार अरबपतियों की संख्या
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नोएडा – 15
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कानपुर – 8
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आगरा – 5
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लखनऊ – 4
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गाजियाबाद – 3
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प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर, फैजाबाद, बुलंदशहर, दादरी – 1-1