लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार पांच कमल खिलाने वाले उत्तराखंड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में प्रतिनिधित्व देकर बड़ा तोहफा दिया है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय क्षेत्र से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते अनुभवी अजय टम्टा मोदी कैबिनेट में हिस्सा बने हैं। उन्होंने राज्यमंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि 2014 में जब टम्टा पहली बार निचले सदन के लिए चुने गए थे, तो उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में कपड़ा राज्यमंत्री बनाया गया था।

टम्टा को क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों का मिला लाभ

केंद्र में मंत्री बनाए जाने की सबसे अधिक संभावनाएं गढ़वाल संसदीय सीट से चुने गए अनिल बलूनी की थी। रक्षा राज्यमंत्री राजनाथ सिंह ने तो चुनाव प्रचार में उन्हें मंत्री बनाने के संकेत भी दिए थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने कैबिनेट के लिए टम्टा को चुना। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, टम्टा को क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का लाभ मिला। 

PM Narendra Modi swearing in Ceremony Uttarakhand Almora MP Ajay Tamta may Become Central Minister

ऐसा रहा सियासी सफर

अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले अजट टम्टा चौथे नेता बने हैं। इससे पहले यह रिकार्ड कांग्रेस के जंग बहादुर बिष्ट, पूर्व सीएम हरीश रावत और भाजपा के बची सिंह रावत के नाम दर्ज था। लोकसभा चुनाव में अजय की लगातार तीसरी जीत ने उनका कद बढ़ाने का काम किया है और वह एक कुशल राजनीतिज्ञ की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।

लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए अजय टम्टा ने 23 वर्ष की उम्र में राजनीति की शुरुआत की। अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में उन्होंने नौ बार चुनाव लड़ा और छह में जीत दर्ज कर अपने को राजनीति में स्थापित किया। वर्ष 1996 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत हुई। इसी वर्ष वह जिला पंचायत उपाध्यक्ष चुने गए।

वर्ष 1999 से 2000 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और तब उन्होंने सबसे कम उम्र का जिपं अध्यक्ष बनने का रिकार्ड बनाया। 2002 में सोमेश्वर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। 2007 में भाजपा के टिकट पर फिर से विस का चुनाव लड़ा और देहरादून पहुंचे।

2009 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत की दहलीज तक पहुंचने से चूक गए। 2012 में सोमेश्वर सीट से ही विधानसभा तक का सफर तय किया। पार्टी ने वर्ष 2014 में उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा इस पर वह खरे उतरे। 2019 के लोकसभा चुनाव में रिकार्ड मतों से लगातार दूरी जीत दर्ज की। 20024 के चुनाव में भी परिणाम उनके और पार्टी के पक्ष में आए हैं और इस सीट पर वह जीत की हैट्रिक लगाने वाले तीसरे सांसद बने हैं।