हरिद्वार में शनिवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो गई। इस अवसर पर पूर्वांचल समाज के लोगों ने नहाय-खाय के साथ पवित्र पर्व का विधिपूर्वक आरंभ किया और 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया।

भव्य कलश यात्रा का आयोजन
विष्णुलोक कॉलोनी से भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर उमाकांतानंद सरस्वती महाराज मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यात्रा में पूर्वांचल समाज की महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में कलश सिर पर रखकर शामिल हुईं। इसके साथ ही कई स्थानीय नेता और समाजसेवी भी उपस्थित रहे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजबीर चौहान ने कहा कि छठ पर्व अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और पारिवारिक एकता का प्रतीक बताया।

महिलाओं ने शुरू किया निर्जला व्रत
महिलाओं ने नहाय-खाय के साथ व्रत आरंभ किया। आगामी दिनों में वे अपने परिवार और पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर डूबते सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगी।

कलश यात्रा विष्णुलोक कॉलोनी से शुरू होकर विभिन्न कॉलोनियों से होते हुए प्रेम नगर आश्रम घाट पर संपन्न हुई।

दून में छठ पूजा की तैयारियां
दून में छठ महापर्व के अवसर पर 23 से अधिक घाटों पर पूजा होगी। पहले दिन नहाय-खाय के बाद निर्जला व्रत शुरू होगा और चार दिन तक छठ पूजा की रस्में संपन्न होंगी।