उत्तराखंड मौसम की विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है। पांच दिन पहले उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से पांच लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग अभी भी लापता हैं। वहीं शनिवार को रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर रुद्रप्रयाग से दो किलोमीटर आगे एक बड़ा भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क कई मीटर तक धंस गई। यह भूस्खलन पहाड़ी से हुआ और पूरे रास्ते को बाधित कर दिया, जिसके वीडियो भी सामने आए हैं। फिलहाल ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है और बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है। अब सभी वाहन रुद्रप्रयाग मुख्यालय के मार्ग से गुजरेंगे।
5 अगस्त को हुई आपदा को लोग भुला नहीं पाए हैं, जब उत्तरकाशी के धराली में बादल फटा था। उस घटना में पूरा गांव मलबे में दब गया था, जिससे पांच लोगों की मौत हुई और कई लापता हो गए। वहां रेस्क्यू अभियान जारी है, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी现场 पर हैं और स्थिति की लगातार जानकारी ले रहे हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग-109 पर शनिवार को हुई इस भूस्खलन की जगह रुद्रप्रयाग मुख्यालय से मात्र दो किलोमीटर दूर है। अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं मिली है, लेकिन वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं क्योंकि यह मार्ग ट्रैफिक के लिए महत्वपूर्ण है। भूस्खलन के बाद वाहनों का आवागमन दोनों ओर प्रभावित हुआ है।
स्थल पर NHAI और पुलिस की टीम मौजूद हैं और मलबा हटाने का कार्य जारी है। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है और भारी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है। रुद्रप्रयाग पुलिस के जवान रास्ते में तैनात हैं ताकि ट्रैफिक की सही जानकारी दी जा सके और जाम से बचा जा सके।
इससे पहले 2 अगस्त को मुनकटिया के पास भी रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड मार्ग पर भूस्खलन हुआ था, जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग तीन दिन तक बंद रहा। उस क्षेत्र में मलबा और बोल्डर जमा हो गए थे और पहाड़ी से पत्थर गिरते रहने से बचाव कार्य में बाधा आई थी। फिलहाल वहां से मलबा हटा दिया गया है और मार्ग खुल चुका है।