हल्द्वानी: पहले पति को खोया…अब बेटा भी, जवान संजीव की मौत से मां बदहवास

हल्द्वानी के तीनपानी में हुए सड़क हादसे ने दो बहनों को कभी न भूलने वाला दर्द दिया है। दुर्घटना में जान गंवाने वाले गौरव और संजीव मौसेरे भाई थे। संजीव की माता को पति की असमय मौत के बाद पुत्र के जाने का गहरा जख्म मिला है। हादसे ने उनके और उनके सास-ससुर के बुढ़ापे का सहारा छीन लिया।

संजीव की माता निर्मला देवी पहले अपने पति की मौत का दर्द झेल चुकी हैं। जब उनके पति शहीद हुए थे, तब वह उम्मीद से थीं। बेटे के जन्म की खुशी से पहले उन्हें अपने पति की मौत का दर्द सहना पड़ा। संजीव के जन्म के बाद धीरे-धीरे उनके जख्म भरने लगे थे। संजीव के चाचा कमलेश चौबे ने बताया कि दादा, दादी, माता ने संजीव के पालन-पोषण में खुद को समर्पित कर दिया। 18 साल की उम्र होने पर संजीव वन नागा रेजीमेंट में भर्ती हो गया तो परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इन दिनों संजीव 30 दिन की कैजुवल लीव पर घर आया था। संजीव की तरक्की से परिवार भी खुश था। वह अपने परिवार वालों का बेहद लाडला था। शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक हादसे ने जहां परिवार का चिराग छीन लिया, वहीं निर्मला देवी को कभी न भूलने वाला दर्द दे दिया।

सड़क हादसा निर्मला देवी की बहन ममता देवी के लिए भी भयावह पल लेकर आया। ममता देवी का पुत्र गौरव बेहर सरल और मिलनसार स्वभाव का था। व्यापारियों के बीच वह बेहद लोकप्रिय था। ईश्वर के प्रति भी उसकी अगाध आस्था थी। गौरव के पिता भुवन जोशी ने भी जीवन में कई दुखों का सामना किया था। कई कठिनाइयों से बच्चों का पालन-पोषण करने के बाद उनका जीवन अब सही राह पर चल रहा था, लेकिन एक हादसे ने खुशियों पर ग्रहण लगा दिया। गौरव की मौत ने करीब ढाई साल पहले उनकी धर्मपत्नी बनी वंदना को बेसहारा कर दिया, वहीं सवा साल की बच्ची के सिर से पिता का साया भी उठ गया। हादसे ने बुढ़ापे की तरफ कदम बढ़ा रहे गौरव के माता-पिता को भी जवान बेटे को खोने का बोझ उठाने के लिए विवश कर दिया है।

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