बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के घर कुर्की की कार्रवाई जारी है, जबकि फरार चल रहे मलिक और उसके बेटे समेत नौ आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को पोस्टर जारी किए गए। हिंसाग्रस्त इलाके में आज भी शांति रही और कर्फ्यू में मिली ढील के दौरान लोगों ने आवश्यक सामान की खरीदारी की। एडीजी प्रशासन ने शुक्रवार को बनभूलपुरा क्षेत्र का जायजा लिया और देखरेख चौकी का निरीक्षण भी किया।
एसएसपी ने बताया कि फरार आरोपियों के पोस्टर हल्द्वानी समेत पूरे नैनीताल जिले और सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किए जा रहे हैं। बनभूलपुरा के लाइन नंबर आठ में मलिक के घर की कुर्की की कार्रवाई भी पुलिस ने शुरू कर दी है। उधर, पुलिस ने हिंसा के पांच अन्य आरोपियों को शुक्रवार को जेल भेज दिया। इस मामले में अभी तक कुल 42 लोगों को जेल भेजा जा चुका है।
कर्फ्यूग्रस्त इलाके में छूट की अवधि एक-एक घंटे तक बढ़ाई गई थी, इस दौरान शांति रही। हालांकि कर्फ्यूग्रस्त इलाके में बाहर से किसी व्यक्ति को अंदर जाने और अंदर के व्यक्ति को बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। हालात को सामान्य होता देख कर्फ्यू की समय सीमा में और बढ़ोतरी की जा सकती है। हालांकि कुछ इलाकों में अब भी इंटरनेट सेवा पूरी तरह बहाल नहीं की गई है। इधर, एडीजी प्रशासन अमित सिन्हा ने नई चौकी का निरीक्षण करने के साथ ही व्यवस्था को लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ चर्चा भी की।
बता दें कि, अब्दुल मलिक पर आरोप हैं कि उसने ही बनभूलपुरा में बवाल कराया और उसके लोगों ने हल्द्वानी में पथराव और आगजनी की। साथ ही लोगों को थाना जलाने के लिए उकसाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार मलिक पर आरोप है कि उसने बरेली से उपद्रवियों को बनभूलपुरा भेजा। पुलिस इन साक्ष्यों की तलाश कर रही है। अब्दुल मलिक की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। पुलिस ने आरोपी का नंबर सर्विलांस पर लगाया है।

बता दें कि, पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा मामले में घर-घर तलाशी के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया है। इससे पहले पुलिस इनके पास से सैंकड़ों बरामद कर चुकी है। जिनमें से करीब 99 कारतूस बनभूलपुरा थाने से चुराए गए थे।

उपद्रव का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस टीमों ने दिल्ली और बरेली में डेरा डाल रखा है। मोबाइल बंद होने के कारण पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल रही है। सर्विलांस टीम उसकी लोकेशन लगातार ट्रेस कर रही है।

बता दें कि, इन फरार आरोपियों में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के नाम भी सामने आ रहे है। पुलिस अब तक करीब 50 उपद्रवियों को हिरासत में ले चुकी है, इनके पास से हथियार और कारतूस भी बरामद हुए हैं।

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है।

आठ फरवरी को शहर में एक अवैध मदरसे को ध्वस्त करने के बाद हुई पथराव और आगजनी की घटना में छह लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही 300 से अधिक पुलिसकर्मी और नगर निगमकर्मी घायल हुए हैं।

उपद्रव के दौरान बनभूलपुरा थाना फूंक दिया गया था। अब इस थाने की मरम्मत का काम किया जा रहा है। यहां रंगाई, पुताई के साथ ही बिजली लाइनों को ठीक करने में मजदूर जुटे थे। थाने के पास ही कई महिला, पुरुष अपने कागजात लेकर कर्फ्यू में आनेजाने की अनुमति लेने के लिए पहुंचे। वहीं, कर्फ्यू के चलते हल्द्वानी रेलवे स्टेशन पर सवारी वाहन न होने के कारण यात्री पैदल ही चलते हुए रोडवेज की आते हुए मिले। यहां पर चेकपोस्ट पर पुलिस भी उनके टिकट आदि को चेक कर रही थी।

बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। मगर उपद्रव को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन अब्दुल मलिक गायब है। नैनीताल पुलिस न तो मलिक का पता ही लगा की सकी है और न ही उसके ठिकानों के बारे में कोई जानकारी है। बनभूलुपरा में स्थित मलिक का बगीचा, जहां बने अवैध अतिक्रमण के कारण पूरा हल्द्वानी अशांत हो गया। इस मामले में पुलिस ने अब्दुल मलिक और उसके बेटे अब्दुल मोईद को मुख्य आरोपी माना है, जिनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है। बनभूलपुरा हिंसा के बाद से ही पुलिस अब्दुल मलिक की खोज में लगी है।