अयोध्या में ड्यूटी के दौरान अचानक चक्कर आने से निधन हुए पनियाला गांव के नायक सुशील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पहुंचे। सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उनके बेटे नक्ष राणा और भाई तिलक कुमार ने भावुक अंदाज में शोक व्यक्त किया। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा, पत्नी, दादी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

सोमवार शाम हुआ निधन
हमीरपुर जिले के ग्राम पंचायत देई के पनियाला गांव के 40 वर्षीय सुशील कुमार 13वीं रेजीमेंट में नायक के पद पर तैनात थे। वे फैजाबाद में ड्यूटी पर थे, जहां सुबह करीब चार बजे उन्हें अचानक चक्कर आया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया और फिर कमांडो अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार शाम करीब सात बजे उनका निधन हो गया। उनका शव बुधवार दोपहर 12 बजे पैतृक गांव पहुंचा।

परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य
सुशील कुमार के पार्थिव शरीर को लखनऊ से चंडीगढ़ हवाई मार्ग और उसके बाद एंबुलेंस के जरिए गांव तक लाया गया। उनके भाई तिलक कुमार ने बताया कि सुशील कुछ दिन पहले ही घर आए थे। सुशील परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके निधन से पत्नी और छोटे बच्चों पर संकट का पहाड़ टूट गया है। इस दौरान विधायक सुजानपुर रंजीत कुमार, तहसीलदार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने नायक सुशील कुमार के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में परिवार के साथ है और शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उप मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।