चमोली जिले में रविवार रात को हुई बारिश से बदरीनाथ हाईवे पागलनाला, पातालगंगा, छिनका, नंदप्रयाग सहित अन्य जगहों पर मलबा आने से बंद हो गया था। ऐसे में सोमवार को बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब जाने वाले करीब 2000 तीर्थयात्री जगह-जगह फंसे रहे।

एनएचआईडीसीएल व बीआरओ की जेसीबी ने हाईवे से मलबा हटाने के बाद दोपहर करीब 12 बजे आवाजाही सुचारु कराई। हालांकि नंदप्रयाग के पास मलबा अधिक होने से यहां पर हाईवे सुचारु नहीं हो पाया जिस कारण कोठियालसैंण-सैकोट बाईपास से वाहनों की आवाजाही कराई गई।

नंदप्रयाग के पास बदरीनाथ हाईवे के भूस्खलन जोन में अधिक मलबा आ गया था जिससे यहां आवाजाही में अधिक समय लग रहा है। ऐसे में पुलिस ने वाहनों की आवाजाही कोठियालसैंण-सैकोट मार्ग से करवाई लेकिन मार्ग संकरा होने से यात्री फंसते रहे।

Badrinath Highway closed at many places due to debris, 2000 passengers going to Badrinath and Hemkund stranded

रविवार देर रात हुई बारिश से फरकिया व बाम्पा के बीच बहने वाला बगधार नाला अचानक उफान पर आ गया। ऐसे में मलारी हाईवे पर अधिक मात्रा में मलबा आ गया और हाईवे का 15 मीटर हिस्सा ध्वस्त भी हो गया। हालांकि गांव में कोई नुकसान नहीं हुआ है।

फरकिया के क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने बताया कि बगधार नाला उफान पर आने से नीती को जोड़ने वाली सड़क पर भी मलबा आ गया। इस जगह पर हाईवे चौड़ीकरण का काम चल रहा है जिस कारण मलबे में दो मशीनें भी दब गई हैं। हालांकि दोपहर तक हाईवे सुचारु कर दिया गया।

Badrinath Highway closed at many places due to debris, 2000 passengers going to Badrinath and Hemkund stranded

कर्णप्रयाग, थराली और देवाल में कई जगह सड़कें बंद रही। कर्णप्रयाग में नैनीताल हाईवे के बार बार बंद होने के चलते वाहन सड़कों पर रेंगते रहे। वहीं सिमली-ग्वालदम-अल्मोड़ा हाईवे थराली के पास सुनला में 8 घंटे बंद रहा। जबकि थराली-देवाल सड़क 11 घंटे बाद खुली।