उत्तराखंड राज्य बीते नौ वर्षों के दौरान लगातार विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में रहा है। भारी वर्षा और त्वरित बाढ़ से लेकर बादल फटने तक की घटनाओं ने न केवल व्यापक तबाही मचाई है, बल्कि जनजीवन और संपत्ति को भी भारी क्षति पहुंचाई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में वर्ष 2015 से 2024 तक हजारों आपदाएं दर्ज की गईं। इनमें सड़कों पर दुर्घटनाएं, आग लगना, भूस्खलन, भूकंप, बाढ़, कीट हमले, हिमस्खलन, बिजली गिरना, ओलावृष्टि, तूफान, डूबने की घटनाएं, जानवरों के हमले, जंगल में आग लगना, बीमारी फैलना और करंट लगना शामिल हैं।
इन घटनाओं के दौरान जान गंवाने वालों, घायलों, लापता लोगों, आंशिक या पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों का विस्तृत रिकॉर्ड रखा गया है।
सबसे अधिक घटनाएं अतिवृष्टि और बाढ़ की
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में सबसे अधिक 12,758 घटनाएं भारी वर्षा और त्वरित बाढ़ से संबंधित थीं। भूस्खलन भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, जिसकी कुल 4,654 घटनाएं दर्ज की गईं। इसी तरह, बादल फटने की 67 घटनाएं रिपोर्ट की गईं, जिनमें सबसे अधिक मामले पौड़ी जिले से सामने आए।
प्रमुख आपदाएं (2015–2024):
- भूस्खलन – 4,654
- बादल फटना – 67
- हिमस्खलन – 92
- आंधी-तूफान – 634
- वज्रपात – 259
- अतिवृष्टि-बाढ़ – 12,758
उत्तरकाशी में 1,525 आपदाएं
उत्तरकाशी जिले में पिछले नौ वर्षों में कुल 1,525 आपदा घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें भूस्खलन, बाढ़, अतिवृष्टि, हिमस्खलन, वज्रपात, ओलावृष्टि, जंगल की आग और बादल फटना शामिल हैं। हालांकि, इस दौरान केवल एक बार बादल फटने की घटना दर्ज की गई।
आपदाओं के असर को कम करने के प्रयास जारी
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से आपदाओं के प्रभाव को न्यूनतम करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। विशेष रूप से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम व सुधारात्मक कार्य कराए गए हैं। इसके अलावा विशेषज्ञों से अध्ययन भी कराया गया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
 
                 
                 
                 
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                                                     
                     
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        