उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे मंगलवार को भी बहाल नहीं हो पाया। मार्ग अवरुद्ध होने के कारण पोलिंग पार्टियों समेत कई प्रत्याशी और उनके समर्थक नीती घाटी में फंसे हुए हैं, जबकि प्रचार के अंतिम दिन कुछ प्रत्याशी घाटी तक पहुंच ही नहीं सके।

प्रशासन की टीम, जिसमें एसडीएम सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं, मौके पर पहुंच चुकी है। भापकुंड के पास पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिरने के कारण मार्ग को साफ करने में वक्त लग रहा है। संभावना है कि देर शाम तक हाईवे आंशिक रूप से खोला जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि सोमवार दोपहर करीब 3:30 बजे भूस्खलन के चलते यह मार्ग बाधित हो गया था, जिससे सीमांत क्षेत्रों की आवाजाही पूरी तरह ठप पड़ गई है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रचार में लगे कई उम्मीदवार और समर्थक घाटी में ही फंसे रह गए हैं।

स्थानीय निवासी पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि वे भी नीती घाटी जाना चाहते थे, लेकिन रास्ता बंद होने के कारण रवाना नहीं हो सके। वहीं, मंगलवार सुबह ज्योतिर्मठ से नीती घाटी की ओर रवाना हुई पोलिंग पार्टियां भी मार्ग अवरुद्ध होने से बीच रास्ते में अटकी हुई हैं।