चमोली के नंदानगर बाजार पर नंदाकिनी नदी बनी खतरे की घंटी

चमोली जिले के नंदानगर बाजार के निवासियों और दुकानदारों के लिए नंदाकिनी नदी हमेशा चिंता का कारण रही है। जब यह नदी अपने रौद्र रूप में बहती है, तो आसपास रहने वाले लोग अपने घर और व्यवसाय छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाते हैं। पिछले वर्षों में कई बार नदी ने अपना प्रचंड रूप दिखाया, लेकिन नगर में अब तक पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। इससे बाजार क्षेत्र और आसपास का बड़ा आबादी हिस्सा जोखिम में है।

नंदाकिनी नदी त्रिशूली और नंदा देवी पर्वत के बीच पंचगंगा से निकलकर उच्च हिमालय क्षेत्र से सुतोल गांव तक तीव्र ढलानों से बहती हुई नंदप्रयाग में अलकनंदा में मिल जाती है। नंदानगर बाजार के बीच से होकर बहने के कारण नदी काफी संकरी हो गई है, क्योंकि इसके दोनों किनारों पर अनियोजित निर्माण हो चुके हैं।

सेवानिवृत्त कर्नल हरेंद्र सिंह रावत, भागवत सिंह बिष्ट और महेशानंद रतूड़ी का कहना है कि नदी के किनारे सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए। पहले नंदानगर बाजार ग्राम पंचायत के अधीन था, जिससे बिना नियमन के निर्माण कार्य होते रहे। इस वर्ष से नगर पंचायत के गठन के बाद निर्माण कार्य अब नियमों के तहत व्यवस्थित किए जा सकते हैं।

सुखवीर रौतेला ने बताया कि 2015 में नदी के दोनों ओर चेकडेम थे, लेकिन 2019 की आपदा में ये बह गए और तटबंध टूट गए। वर्षा के दौरान नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी और मलबा आबादी तक पहुंच जाता है।

नंदाकिनी की ऐतिहासिक आपदाएँ:

  • 2013 (जून): दो लोग नदी में बह गए; पुराना बाजार तहस-नहस हो गया और कुमारतोली में आवासीय मकान जलमग्न हुए।
  • 2015: नदी के कटाव से बाजार में दो दुकानें बह गईं और अफरा-तफरी मची।
  • 2019: जलस्तर बढ़ने से कुमारतोली गांव के दो मकान क्षतिग्रस्त हुए और कई जलमग्न हुए।
  • 2022: व्यवसायियों को अपनी दुकानें खाली करनी पड़ी, कुमारतोली गांव भी सुरक्षित स्थानों में स्थानांतरित किया गया।

धराली आपदा से बढ़ी चिंता
गोपेश्वर में धराली की हालिया आपदा ने नंदानगर क्षेत्रवासियों की चिंता और बढ़ा दी है। नंदाकिनी के किनारे आवासीय भवन, सरकारी प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान स्थित हैं। इनमें कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, विद्युत सब स्टेशन, राइंका नंदानगर, सरस्वती विद्या मंदिर, खंड विकास कार्यालय, बीईओ कार्यालय और नगर पंचायत कार्यालय शामिल हैं। इसके अलावा, नदी किनारे स्थित कुमारतोली गांव में लगभग 13 अनुसूचित जनजाति और कुछ अनुसूचित जाति के परिवार रहते हैं।

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