अब पहली कक्षा में दाखिले के लिए राहत, आयु सीमा बढ़ी तीन महीने

उत्तराखंड सरकार ने पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम आयु सीमा में बदलाव करते हुए अभिभावकों और स्कूलों को बड़ी राहत दी है। अब कक्षा एक में प्रवेश के लिए बच्चे की उम्र 1 जुलाई तक छह वर्ष पूरी होनी चाहिए। इसके लिए सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 में संशोधन कर अधिसूचना जारी की है।

पहले यह नियम था कि दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 1 अप्रैल तक छह साल होनी चाहिए। इससे उन अभिभावकों को मुश्किल होती थी जिनके बच्चों की उम्र एक या दो महीने कम रह जाती थी और उन्हें पूरे सत्र तक इंतजार करना पड़ता था। कई अभिभावकों ने इसे अनुचित ठहराते हुए आयु सीमा में लचीलापन देने की मांग की थी।

यह मामला राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के संज्ञान में भी आया था। आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शिक्षा महानिदेशक से नियमों पर पुनर्विचार करने को कहा था। इसके बाद राज्य सरकार ने दाखिले की आयु सीमा तीन महीने बढ़ाकर 1 जुलाई कर दी है, जिससे छोटे अंतर वाली आयु सीमा की शिकायतें समाप्त हो सकें।

शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय स्कूलों के लिए भी उपयोगी साबित होगा क्योंकि पूर्व निर्धारित 1 अप्रैल की उम्र सीमा के कारण कई स्कूलों में सत्र 2025-26 में दाखिले अपेक्षाकृत कम हुए थे। अब दाखिले की संख्या में सुधार की संभावना है।

पहले से दाखिला ले चुके बच्चों पर नहीं पड़ेगा असर

सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिन बच्चों ने इस समय प्री-स्कूल (नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी) में दाखिला ले रखा है, उन्हें पूर्व नियमों के अनुसार कक्षा एक में पढ़ाई की अनुमति दी जाएगी। उनकी शिक्षा की निरंतरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हालांकि आगे के सत्रों से सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्री-स्कूल में प्रवेश लेते समय आयु निर्धारण ऐसा हो कि बच्चे कक्षा एक में प्रवेश तक छह वर्ष की उम्र पूरी कर लें। यह संशोधित नियम उत्तराखंड निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) नियमावली 2025 के तहत लागू किया गया है।

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