पुलिस विभाग में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। महिला ने आरोप लगाया है कि विभाग के एक अधिकारी द्वारा उसका शोषण किया गया और जब उसने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो न केवल उसकी शिकायत को नजरअंदाज किया गया, बल्कि उसे जेल भेज दिया गया।

पत्र में महिला ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी उसके घर पहुंचे और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। उसने यह भी कहा कि पुलिस महानिदेशक समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी दी गई, लेकिन किसी ने उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।

महिला का कहना है कि या तो दोषी अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए या फिर उसे मृत्यु की अनुमति दी जाए, क्योंकि वह अब इस अन्याय को और अधिक सहन करने की स्थिति में नहीं है।