देहरादून। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को उत्तराखंड विधानसभा का दो दिवसीय रजत जयंती विशेष सत्र प्रारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की युवा ऊर्जा और महिला शक्ति राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
सत्र की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने रम्माण कला पर आधारित स्मृति चिह्न भेंट कर की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि “अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदृष्टि और जनभावनाओं के परिणामस्वरूप वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था। 25 वर्षों में राज्य ने पर्यावरण, ऊर्जा, पर्यटन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है।” उन्होंने महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की विशेष प्रशंसा की।
राष्ट्रपति ने कहा कि सुशीला बलूनी, बछेंद्री पाल और वंदना कटारिया जैसी महिलाओं ने उत्तराखंड को गौरवान्वित किया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के रूप में पहली महिला अध्यक्ष के चयन को ऐतिहासिक कदम बताया।
मुर्मू ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए विधानसभा की सराहना करते हुए कहा कि “उत्तराखंड की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत है।” उन्होंने राज्य के विधायकों को जनता के प्रति जवाबदेह बने रहने का संदेश दिया और कहा कि जनता के भरोसे को बनाए रखना लोकतंत्र की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा — ‘यह आत्मगौरव का क्षण है’
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से उत्तराखंड 25 वर्ष की विकास यात्रा पूरी कर सशक्त भारत का अभिन्न अंग बना है। उन्होंने राज्य के उज्जवल भविष्य के लिए संकल्प दोहराया।
राज्यपाल गुरमीत सिंह बोले — ‘देवभूमि ने अनेक उपलब्धियां हासिल कीं’
राज्यपाल ने कहा कि 25 वर्षों में उत्तराखंड ने पर्यटन, शिक्षा, ऊर्जा और सेवा के क्षेत्रों में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं। उन्होंने कहा कि इस विशेष सत्र में राज्य के भविष्य के विकास रोडमैप पर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रपति मुर्मू ने अंत में कहा कि “उत्तराखंड के युवाओं और महिलाओं में असीम क्षमता है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में यह राज्य विकास और संस्कृति दोनों के संतुलन के साथ पूरे देश के लिए आदर्श बनेगा।”