देहरादून। पलायन की मार झेल रहे पहाड़ी गांवों में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया है कि नौ पर्वतीय जिलों के कुक्कुट पालकों को अब चारे पर प्रति किलो 10 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। इस योजना से प्रदेशभर में संचालित 1597 पोल्ट्री इकाइयों को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
राज्य में पोल्ट्री मांस और अंडों की कमी को पूरा करने के लिए पशुपालन विभाग ‘ब्रायलर फार्म’ और ‘कुक्कुट वैली’ योजनाएं चला रहा है। वर्तमान में अल्मोड़ा, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, चंपावत, पौड़ी, बागेश्वर, टिहरी और रुद्रप्रयाग जिलों में 816 ब्रायलर फार्म और 781 कुक्कुट वैली इकाइयां सक्रिय हैं।
पर्वतीय क्षेत्रों के पोल्ट्री पालकों ने लंबे समय से चारे की ऊंची कीमतों का मुद्दा उठाया था। मैदानी जिलों की तुलना में यहां चारा महंगा पड़ता है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है और किसानों को बाजार में उचित दाम नहीं मिल पाता। इसे ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग ने कैबिनेट में सब्सिडी प्रस्ताव रखा, जिसे मंजूरी दे दी गई।
योजना के तहत पोल्ट्री इकाइयों को लाभान्वित करने के लिए 2.83 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आवंटित की जाएगी। उम्मीद है कि इस पहल से सीमावर्ती इलाकों के कुक्कुट पालक भी लाभान्वित होंगे, जो आईटीबीपी को मांस और अंडों की आपूर्ति करते हैं। साथ ही नई इकाइयां लगाने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा।
कैबिनेट के अन्य निर्णय:
- देहरादून में यातायात सुधार के लिए देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट लिमिटेड नाम से एसपीवी का गठन।
- ऊधमसिंहनगर में कालोनियों व व्यावसायिक निर्माण हेतु 9.918 हेक्टेयर भूमि जिला विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित।
- नैनीताल उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता कार्यालय में दो नए पदों की स्वीकृति।
- उत्तराखंड सेवा का अधिकार अधिनियम की नौवीं वार्षिक रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने का निर्णय।
- देहरादून में अप्रैल में हुए उत्तर क्षेत्रीय सम्मेलन के व्यय को भुगतान में नियमावली से छूट।