हर्षिल के तेलगाड मुहाने पर पहाड़ टूटने के कारण नदी का प्रवाह ठप हो गया है। सुबह पहले ही पहाड़ से मलबा और पानी बहकर आया था। इस अवरुद्ध प्रवाह से ऊपर झील बनने का खतरा पैदा हो गया है।
पुलिस ने हर्षिल और आसपास के निचले इलाकों में लोगों को सतर्क रहने और अलर्ट मोड में रहने की चेतावनी दी है। लगातार बारिश और भू-धंसाव की घटनाओं से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। उत्तरकाशी के कई गांवों में ग्रामीणों के आवासीय भवन खतरे में हैं और लोग प्रशासन से त्वरित सुरक्षा उपाय करने की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता पूरण सिंह रावत ने बताया कि बड़कोट नगरपालिका क्षेत्र के छाटांगा में आधे दर्जन से अधिक घरों के आंगन भू-धंसाव की चपेट में आ गए हैं। लगातार बारिश से स्थिति और गंभीर हो गई है। लोग डर के कारण रात में घरों में सो नहीं पा रहे और कई ने सुरक्षित स्थानों पर रात गुजारना शुरू कर दिया है। पूरण सिंह रावत ने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने समय रहते सुरक्षात्मक उपाय नहीं किए, तो और अधिक भवन खतरे में पड़ सकते हैं।
मदेश गांव के ग्रामीण भी भूस्खलन और सहायक नदी के कटाव से भयभीत हैं। क्षेत्र पंचायत सदस्य अमिता पंवार ने बताया कि यदि बारिश इसी तरह जारी रही, तो गांव के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर सुरक्षात्मक कार्य करने की मांग की है।