सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश का बजट समग्र, समावेशी, संतुलति और विकासोन्मुखी है। प्रधानमंत्री विकसित भारत के चार स्तंभ गरीब, युवा, महिला और किसान बताए हैं। हमारी सरकार का बजट इन्हीं को समर्पित है। उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर 7.63 प्रतिशत रही है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
2023 में हमारी प्रतव्यक्ति आय 2,60201 रुपये रही। नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार, राज्य में 9.17 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आए। गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
22.63 फीसदी वेतन, भत्तों और मजदूरी पर खर्च
सरकार के कुल बजट का 22.63 फीसदी खर्च वेतन, भत्तों, मजदूरी आदि पर होगा। जबकि पेंशन पर 9.12 फीसदी अलग से खर्च का अनुमान है। पिछले बजट में यह खर्च 24.98 फीसदी था, जिसमें कमी आई है। सरकार निवेश पर खर्च बढ़ाएगी। निवेश के लिए 15.23 फीसदी ऋण को बढ़ाकर उसने 22.43 प्रतिशत कर दिया है। बड़े और छोटे निर्माण कार्यों पर वह कुल बजट का 10.41 प्रतिशत खर्च करेगी।
स्वयं के कर से 25.24 फीसदी राजस्व कमाएगी
सरकार का अनुमान है कि वह स्वयं के कर राजस्व से इस बार 25.24 करोड़ की आय अर्जित करेगी। केंद्रीय सहायता अनुदान सरकार की आय का सबसे बड़ा स्रोत है, लेकिन इस बार सरकार ने इसे 27.07 फीसदी से कम कर 21.90 फीसदी कर दिया है। यानी इसमें कमी की गई है। अलबत्ता लोक ऋण को 25.21 प्रतिशत से बढ़ाकर 31.30 प्रतिशत कर दिया है। यानी वह इस वर्ष ज्यादा ऋण लेगी।
चार नए निजी विवि स्थापित होंगे
प्रदेश सरकार ने सदन में उत्तराखंड निजी विवि(संशोधन) विधेयक पेश किया। इसके तहत प्रदेश में चार नए निजी विवि स्थापित होंगे। इनमें माइंड पावर यूनिवर्सिटी भीमताल में, डीबीएस ग्लोबल विवि, व माया देवी विवि सेलाकुई में और श्रीमती मंजीरा देवी विवि, डूंडा उत्तरकाशी में स्थापित होंगे।