उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो गया है। रविवार रात से लगातार हो रही तेज बारिश के चलते ऋषिकेश से उत्तरकाशी तक कई स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं हुईं हैं। रेस्क्यू टीमें जैसे कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी घटनास्थल तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उत्तरकाशी से करीब 20 किलोमीटर पहले नालूपानी में पहाड़ से आया मलबा सड़क पर गिरने के कारण मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।
मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों—हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। उत्तरकाशी से भटवारी की ओर जाने वाली सड़क की स्थिति बेहद चिंताजनक है। ओंगी-रोड धंसाव की कगार पर है, जिससे किसी भी वक्त संपर्क टूट सकता है। भटवारी के पास करीब 150 मीटर सड़क बह जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। वहीं मनेरी के पास आईटीबीपी की एक टीम रास्ते में फंसी हुई है। क्षेत्र में कई स्थानों पर सड़कें दरक गई हैं, जिससे रेस्क्यू अभियान में बाधा आ रही है।
अब तक 130 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, 5 की मौत
राहत कार्य में लगी एजेंसियों—आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने अब तक लगभग 130 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। वहीं 70 से अधिक लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है, जो संख्या में बढ़कर 100 से अधिक हो सकती है। अब तक इस आपदा में 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। घायलों के इलाज के लिए विशेष डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए दो आईजी रैंक के अधिकारी, तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और 11 डिप्टी एसपी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
हरिद्वार में चेतावनी रेखा पार कर गई गंगा, घाट खाली कराए गए
पहाड़ और मैदानी इलाकों में एकसाथ हो रही भारी बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर गया है। प्रशासन ने एहतियातन गंगा घाटों को खाली करवा दिया है और निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। मंगलवार दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 293.30 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर से 30 सेंटीमीटर अधिक है। गंगा का खतरे का निशान 294 मीटर तय है। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनज़र बुधवार को भी जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।