फूलचट्टी से जानकीचट्टी तक करीब 200 मीटर सड़क धंस जाने के कारण लोगों के लिए आवाजाही खतरे भरी हो गई है। स्थानीय लोग दीवार पकड़कर ही सुरक्षित गुजरने को मजबूर हैं, वहीं पैर फिसलने पर खाई में गिरने का डर भी बना हुआ है। बावजूद इसके लोनिवि की ओर से इस समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की मशीनरी यमुनोत्री हाईवे को सुचारू करने के लिए बनास से आगे नहीं बढ़ पाई है। जिला प्रशासन के दावों और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर दिख रहा है। अभी तक वाहनों की आवाजाही तो दूर पैदल चलने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी नहीं बन पाया है।
फूलचट्टी के पास भू-धंसाव के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बनास नारदचट्टी के पास लगातार बोल्डर गिरने से हाईवे खुलने में बाधा आ रही है। पुरोहित समाज के पुरुषोत्तम उनियाल, मनमोहन उनियाल, प्यारे लाल उनियाल, प्रदीप उनियाल और सुनील उनियाल ने बताया कि लोनिवि सड़क खोलने के प्रयास नहीं हो पा रहे हैं, और वैकल्पिक पैदल मार्ग की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
हालांकि एनएच के कार्यकारी अभियंता मनोज रावत का कहना है कि बनास नारदचट्टी के पास पत्थरों के गिरने की वजह से काम में देरी हो रही है। उनकी उम्मीद है कि रविवार सुबह तक फूलचट्टी तक हाईवे पर आवाजाही शुरू हो जाएगी।
जिला प्रशासन का दावा है कि 13 सितंबर से यमुनोत्री की यात्रा शुरू हो जाएगी, लेकिन लगातार बारिश के कारण पिछले 19 दिनों से हाईवे कई जगह बाधित है। फूलचट्टी-जानकीचट्टी सड़क पर भू-धंसाव और बोल्डर गिरने की स्थिति को देखते हुए लोगों के लिए पैदल चलना भी मुश्किल है।