देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 1,01,175.33 करोड रुपये का बजट पेश किया। ये पिछले वित्त वर्ष के बजट के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक है। राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि 2025-26 में कुल प्राप्तियां लगभग 1,01,034.75 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। इसमें 62,540.54 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्तियां तथा 38,494.21 करोड़ रुपये पूंजीगत प्राप्तियां हैं।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व 39,917.74 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 15,902.92 करोड़ रुपये शामिल है।बजट में राज्य में स्वयं के स्रोतों से कुल अनुमानित राजस्व प्राप्ति 28,410.30 करोड़ रुपये में कर राजस्व 24,014.82 करोड़ रुपये तथा कर पश्चात राजस्व 4,395.48 करोड़ रुपये अनुमानित है।
ऋणों में प्रतिदान पर 26,005.66 करोड़ रुपये, ब्याज की अदायगी के रूप में 6,990.14 करोड़ रुपये, राज्य कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर लगभग 18,197.10 करोड़ रुपये तथा पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति लाभों के रूप में 9,917.40 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है।
कुल अनुमानित 1,01,175.33 करोड़ रुपये अनुमानित व्यय में से 59,954.65 करोड़ रुपये राजस्व लेखे का व्यय है तथा 41,220.68 करोड़ रुपये पूंजी लेखे का व्यय है।
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2025-26 के बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है, अपितु 2,585.89 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष का अनुमान है। इसके अलावा, 12,604.92 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है जो राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 2.94 प्रतिशत है और यह एफआरबीएम अधिनियम की निर्दिष्ट सीमा के अंदर है।
सदन में बजट पेश किए जाने के बाद मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि यह बजट “हमारी प्राथकिताओं और संकल्पों को पूरा करने का दृष्टिकोण तथा भविष्य की योजनाओं का खाका पेश करता है।
उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में प्रदेश के बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया। यह बजट पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक तथा राज्य स्थापना के बाद 2001-02 में पेश किए गए पहले बजट के मुकाबले 24 गुना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने इकोलोजी (पारिस्थितिकी), इकोनोमी (आर्थिकी), सस्टेनेबल (सतत) और इन्क्लूजिव (समावेशी) विकास के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और जवाबदेही के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए इस बजट को बनाया है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में हमने उद्यम पूंजी की स्थापना की है जिसमें ‘रिवरफ्रंट विकास योजना’, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन तथा खेल विश्वविद्यालय की स्थापना भी शामिल है।
धामी ने कहा, “यह बजट ‘नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड व ओजस्वी मानव संसाधन’ के विषय पर आधारित है। इसमें सभी वर्गों, विशेष रूप से गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी कल्याण को प्राथमिकता में रखा गया है।
उन्होंने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मूल मंत्र पर आधारित है और यह उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
उत्तराखंड के बजट की बड़ी बातें यहां देखें
- ग्रामीण रोजगार के तहत मत्स्य विभाग की प्राउड प्रोत्साहन योजना के लिए 146 करोड़
- UIIDB को हरिद्वार ऋषिकेश विकास की परामर्शी सेवा के लिए 168.33 करोड़
- स्टार्टअप वेंचर के लिए 20 करोड़
- प्रवासी उत्तराखंड परिषद के लिए 1 करोड़
- रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना शारदा कॉरिडोर के लिए 10 करोड़
- स्मार्ट सिटी के अंर्तगत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए 6.5 करोड़
- होमगार्ड कल्याण कोष रिवोलविंग फंड के लिए 1 करोड़
- रेशम फेडरेशन को रिवॉल्विंग फंड के लिए 5 करोड़
- समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए 30 करोड़ दिए गए
- स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन के लिए 125 करोड़
- पेयजल और सिंचाई विभाग की योजनाओं के बिजली भुगतान के लिए 490 करोड़
- पुलिस विभाग में मादक पदार्थ से संबंधित मुख्य ब्यूरो के उत्साहवर्जन के लिए 10 लाख
- भारतीय न्याय संहिता के लिए 20 करोड़
- जलवायु परिवर्तन शमन के लिए 60 करोड़
- सामाजिक सुरक्षा के लिए 1811.66 करोड़
- विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी के लिए 918.92 करोड़
- प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लिए 207.18 करोड़
- प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 54.12 करोड़
- राज्य खाद्यान्न योजना के लिए 10 करोड़
- परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों को निशुल्क यात्रा सुविधा देने के लिए के 40 करोड़
- निर्धन परिवार को रसोई गैस पर अनुदान देने के लिए 55 करोड़
- पर्यावरण मित्र बीमा के लिए 2 करोड़
- राशन कार्ड धारकों को सस्ते दरों पर नमक उपलब्ध कराने के लिए 34.36 करोड़
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 178.83 करोड़
- 9 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की निशुल्क पुस्तकों के लिए 59.41 करोड़
- कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के निशुल्क जूते और बैग की व्यवस्था के लिए 23 करोड़
- साइंस सिटी और विज्ञान केंद्रों की स्थापना के लिए 26.64 करोड़
- उदीयमान खिलाड़ियों के छात्रवृत्ति के लिए 10 करोड़
- खेल महाकुंभ के लिए 15 करोड़
- रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर के लिए 20 करोड़
- मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए 60 करोड़
- मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 10 करोड़
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 21.60 करोड़
- हाउस ऑफ़ हिमालय के लिए 15 करोड़
- एप्पल मिशन योजना के लिए 35 करोड़
- नंदा गौरा योजना के लिए 157.84 करोड़
- कैंप योजना के लिए 395 करोड़