मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान की पहल पर मेघा चंदन गांव में स्थापित हो रही काऊ सेंचुरी पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया है। DS एग्रो डेवलपर की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला आया है। मुजफ्फरनगर में निराश्रित गोवंश की समस्या बढ़ती जा रही है। खेत खलियान से लेकर शहर और गांव देहात की गलियों में निराश्रित गोवंश देखा जा सकता है।
सारे हालात के मद्देनजक केंद्रीय डेयरी विकास राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान पुरकाजी खादर क्षेत्र के मेघा चंदन गांव कि करीब 52 हेक्टेयर भूमि पर 70 करोड की लागत से गाय अभयारण्य यानी काऊ सेंचुरी स्थापना का खाका खींच रहे थे। केंद्र और प्रदेश सरकार ने काऊ सेंचुरी स्थापना को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी थी। भूमि का अधिग्रहण कर शासन से बजट भी स्वीकृत कर लिया गया था।
काऊ सेंचुरी के लिए अधिग्रहित की जा रही 52 हेक्टेयर में से 9 हेक्टेयर भूमि पर विवाद की स्थिति पैदा हो गई थी। स्थानीय किसानों और कुछ अन्य लोगों ने भूमि के पट्टे उनके नाम होने की बात कहते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था। मामले को लेकर किसान संगठन धरना भी दे रहे थे।
पुरकाजी खादर क्षेत्र के मेघा चंदन गांव के आसपास कि कुछ भूमि पर डीएस एग्रो डेवलपर्स के तत्वाधान में खेती की जा रही है। क्षेत्र की कुछ भूमि को अपना बताते हुए ग्रुप की ओर से हाईकोर्ट में काऊ सेंचुरी स्थापना पर स्टे देने की याचना करते हुए याचिका डाली गई थी।
जिस पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए स्टे आदेश दिया है। काऊ सेंचुरी पर हाईकोर्ट के स्टे दिए जाने पर केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान का कहना है कि इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है। काऊ सेंचुरी स्थापित होने से जिले वासियों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े लोग नहीं चाहते कि वह लाभ हो।