सुप्रीम कोर्ट ने को-लोकेशन घोटाले में एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण को दी गई जमानत को खारिज करने से इनकार कर दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रामकृष्ण को डिफॉल्ट जमानत देने के 28 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीते 28 सितंबर (बुधवार) को सीबीआई की ओर से जांच की जा रही को-लोकेशन घोटाला मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और पूर्व समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को जमानत दे दी थी।
जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन ने कहा था कि वह एनएसई के दो पूर्व अधिकारियों को वैधानिक जमानत दे रहे हैं। देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज में हुई गड़बड़ी के इस मामले में मई 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सीबीआई इस मामले में मार्केट एक्सचेंजों के कंप्यूटर सर्वर से स्टॉक ब्रोकरों तक सूचना के कथित अनुचित प्रसार की जांच कर रही है। सुब्रमण्यम को इस मामले में पिछले साल 24 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद छह मार्च को इस मामले में सीबीआई ने चित्रा रामकृष्ण को भी गिरफ्तार कर लिया था।
इस मामले में आनंद सुब्रमण्यम की ओर से दायर जमानत याचिका पर अपनी स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि मामले की जांच ने स्थापित किया है कि सह-आरोपी रामकृष्ण ने एनएसई में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए सुब्रमण्यम को अवैध रूप से मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया और मनमाने ढंग से और अनुपातहीन रूप से अपने लाभ में इजाफा किया है। इसके अलावे उन्हें दोबारा से अपेक्षित अनुमोदन के बिना ही समूह संचालन अधिकारी के रूप में नामित कर दिया गया।