सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र के विधायकों को अयोग्य ठहराने पर 11 जुलाई तक रोक

शिवसेना के दो-तिहाई विधायकों के साथ के आधार पर एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में उद्धव सरकार को अल्पमत करार देती याचिका दाखिल की थी. इसके अलावा भी डिप्टी स्पीकर को लेकर याचिका दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इनकी सुनवाई कर शिंदे समेत अन्य विधायकों को अयोग्य ठहराने पर 11 जुलाई तक रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार और डिप्टी स्पीकर को नोटिस जारी कर उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. इस बड़ी राहत के बाद एकनाथ शिंदे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से एक-दो दिन में मिलकर उद्धव सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा के साथ ही नई सरकार बनाने का दावा पेश कर सकता है. 


सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान ही शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके पास 38 विधायकों का समर्थन है. शिंदे गुट ने कहा है कि शिवसेना के विधायक दल के 38 सदस्यों ने महा विकास अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में एमवीए सरकार ने बहुमत खो दिया है. एकनाथ शिंदे के वकील ने लिखित में ये बात जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने रखी. अब सुप्रीम कोर्ट से और वक्त मिलने के बाद शिंदे गुट महा विकास अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए जल्द ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से संपर्क कर सकता है. साथ ही वह उद्धव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग कर सकते हैं. दावा कर सकते हैं कि वे ही विधानसभा में मूल शिवसेना हैं. सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे के साथ दो-तीन विधायर मुंबई आकर राज्यपाल से संपर्क करेंगे. 


सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई के दौरान जिरह के बाद शिंदे गुट को  फोरी तौर पर राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखे और सभी 39 विधायकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए. उनकी संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचे. इससे पहले जस्टिस सूर्य कांत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर 11 जुलाई शाम 5.30 बजे तक रोक लगा दी है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भेजा है. एकनाथ शिंदे की याचिका पर यह नोटिस जारी किया गया है. 

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