संदिग्ध आतंकी ने अदालत से तिहाड़ जेल में डॉक्टर के तौर पर काम करने की अनुमति मांगी

नई दिल्ली। आतंकी संगठन अलकायदा के लिए आतंकवाद फैलाने के आरोपी एक एमबीबीएस डॉक्टर ने दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में याचिका दायर की है। कहा कि वह इस कोरोना महामारी के समय तिहाड़ जेल में बंद कैदियों का इलाज करना चाहता है। उसे इसकी अनुमति दी जाए। पिछले साल ही उसे सऊदी अरब से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। आरोपी डॉक्टर का कहना है कि उसे गंभीर बीमारियों के इलाज का 7 साल का एक्सपीरियंस है।

विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष बुधवार को दाखिल याचिका में आरोपी डॉ. सबील अहमद ने कहा है कि मेडिकल प्रोफेशनल के तौर पर उसके एक्सपीरियंस और विशेषज्ञता का लाभ तिहाड़ जेल में कैदियों के इलाज और कोविड-19 के मामलों से निपटने में लिया जा सकता है। आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के सदस्य रह चुके सबील अहमद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर भारत और विदेशों में आतंकी संगठन के सदस्यों को कथित तौर पर वित्तीय और अन्य मदद मुहैया कराने का आरोप है।

अहमद के वकील एम.एस. खान ने आरोपी को जेल प्रशासन को सहयोग प्रदान करने की अनुमति के लिए जेल सुप्रिटेंडेंट को निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि आरोपी एमबीबीएस डॉक्टर है और उसे गंभीर मरीजों के इलाज का सात साल का एक्सपीरियंस भी है। याचिका में कहा गया है कि मेडिकल प्रोफेशनल के तौर पर उसके एक्सपीरियंस और विशेषज्ञता का लाभ कोविड-19 के मामलों से निपटने और जेल के कैदियों के इलाज में किया जा सकता है।

सबील अहमद 30 जून 2007 को ब्रिटेन के ग्लासगो हवाईअड्डे पर हुए एक फिदायीन हमले के मामले में भी आरोपी है। अहमद को 20 अगस्त 2020 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था और बेंगलुरु में आतंकवाद के दर्ज मामले में एनआईए ने उसे हिरासत में लिया था। बाद में इस साल 22 फरवरी को मौजूदा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे हिरासत में लिया।

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