स्वामी रामदेव ने योग को दी नई ऊंचाइयां: राष्ट्रपति रामनाथ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को दो दिन के दौरे पर हरिद्वार में पंतजिल योगपीठ पहुंचे। पतंजलि पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने योग गुरू बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण से मुलाकात की। जिसके राष्ट्रपति पतंजलि विवि के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि दस से पंद्रह वर्ष पूर्व भारत में योग को एक तपस्या माना जाता था। ऐसा लोग समझते थे कि संन्यासी ही योग कर सकते हैं। लेकिन स्वामी रामदेव ने योग की परिभाषा को बदल दिया है। आज चाहे कोई भी व्यक्ति चाहे वह रेलवे स्टेशन और कहीं प्रतीक्षा के कक्ष में बैठा हो, वह अनुलोम-विलोम आदि करता हुआ मिल जाएगा। पतंजलि समूह के शिक्षण संस्थान में भावी पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार किया जा रहा है। जिससे भारतीयता का विकास हो रहा है।

विश्व का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण अभियान सफलता पूर्वक चल चल रहा है। कहा कि प्राकृति के अनुरूप जीवन शैली को अपनाएं। प्राकृतिक उत्पादों का प्रयोग करना लाभदायक होगा। पतंजलि शिक्षण संस्थान के माध्यम से देश की ज्ञान परपंरा को संपूर्ण विश्व प्रसारित किया जा सकेगा। ऐसे में विदेशी विद्यार्थियों भारतीय मूल्यों और विचारों को प्रचार-प्रसार कर सकेंगे। इसमें पतंजलि विश्वविद्यालय का अहम योगदान रहेगा।

पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यहां आकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। दीक्षा समारोह के प्रारंभ से अंत तक छात्रों का उत्साह बना रहने पर उन्होंने प्रसन्नता जताई। कहां की अप्रैल के महीने में उनका पतंजलि आगमन कार्यक्रम बना था, लेकिन कोविड-19 के चलते स्थगित हो गया था। उन्होंने कहा कि एक अच्छा कार्य जो अधूरा रह गया था वह आज स्वस्थ और उत्साह भरे वातावरण में पूरा हो रहा है। पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते राष्ट्रपति ने कहा कि देवभूमि में आना हर किसी के लिए सौभाग्य की बात होती है। हरिद्वार का भारतीय परंपरा में विशेष स्थान रहा है। हरिद्वार को हरद्वार भी बोलते हैं अर्थात भगवान विष्णु और भोले शंकर की पावन स्थली का प्रवेश द्वार।

राष्ट्रपति ने कहा कि यहां शिक्षा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। योग की लोकप्रियता को बढ़ाने में योग गुरू बाबा रामदेव के प्रयासों की सराहना करते उन्होंने कहा कि आज  योग से अनगिनत लोगों को फायदा पहुंचा है। भारत सरकार के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग दिवस घोषित किया। 2016 में यूनेस्को ने विश्व की अमूल्य धरोहर की सूची में योग को शामिल किया। उन्होंने कहा कि योग पंथ संप्रदाय से नहीं जुड़ा है, बल्कि शरीर और मन को स्वस्थ रखने की यह पद्धति है। इसलिए योग को हर विचारधारा के लोगों ने अपनाया। सूरीनाम और क्यूबा का उदाहरण देते उन्होंने कहा कि साम्यवादी देशों में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित किया जाता है।

कहा कि पतंजलि में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए एक विशेष सेल का गठन किया है। उम्मीद है कि भविष्य में विदेशी छात्रों की संख्या में और वृद्धि होगी। इसके जरिए भारतीय मूल्यों और संस्कारों का प्रचार प्रसार होगा। 21वीं सदी के भारत निर्माण में पतंजलि का योगदान सराहनीय होगा। उन्होंने दीक्षा समारोह में सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जताई और कहा कि पतंजलि शिक्षण संस्थानों में बेटियों की ज्यादा संख्या हर्ष की बात है।

कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पतंजलि में चंदन कर पौधा भी लगाया। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश के लिए निकल गए।

29 नवंबर को देव संस्कृत विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में होंगे शामिल
पतंजलि के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई अन्य नेता भी मौजूद रहे। इससे पहले राष्ट्रपति जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल सहित अन्य लोगों ने उनका स्वागत सत्कार किया। यहां से वह हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना हो गए।

29 नवंबर को देव संस्कृत विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे को लेकर गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन, आईजी इंटलीजेंस संजय गुंज्याल समेत पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों ने शनिवार को पतंजलि विश्वविद्यालय परिसर में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

राष्ट्रपति के आगमन की तैयारियों का लिया जायजा
आला अधिकारियों ने पतंजलि के पदाधिकारियों से राष्ट्रपति के कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी ली और परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया। पर्यटन विभाग उत्तराखंड के पर्यटक और धार्मिक स्थलों के प्रचार-प्रसार में जीजान से जुटा है। इसके लिए विभाग ने पर्यटन से जुड़ा साहित्य छापा है, जिसमें तमाम पर्यटक और धार्मिक स्थलों की जानकारी है। यह साहित्य पर्यटन विभाग लगातार विभिन्न बड़े सरकारी आयोजनों में माननीयों और अन्य खास लोगों को उपलब्ध कराता है।

अब हरिद्वार आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भी पर्यटन विभाग का साहित्य सौंपने की तैयारी है। यह साहित्य राजधानी देहरादून से लाया गया है। इसमें राज्य के सभी धार्मिक और पर्यटक स्थलों से जुड़ी संपूर्ण जानकारी होने का दावा है। जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल इसे राष्ट्रपति को सौंपेंगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आला अधिकारियों से आदेश मिले थे। 

रविवार की शाम को परमार्थ निकेतन की गंगा आरती में भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल होंगे। उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने परमार्थ निकेतन आश्रम में सुरक्षा व्यवस्थाओं को जायजा लिया। उन्होंने आश्रम में स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात कर राष्ट्रपति के आश्रम में आने पर चर्चा करते हुए विभागीय अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया।
 
शनिवार को गढ़वाल मंडल आयुक्त ने परमार्थ निकेतन परिसर में समुचित व्यवस्था एवं सुरक्षा की तैयारियों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने परमार्थ निकेतन परिसर, गंगा आरती स्थल, विश्राम कक्ष आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी पी.रेणुका देवी और उपजिलाधिकारी को व्यवस्था चाक-चौबंद बनाए रखने के निर्देश दिए। 

250 पुलिसकर्मी और आश्रम कर्मचारियों की कोविड जांच 
स्वर्गाश्रम स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में गंगा आरती में शिरकत करने आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की तैयारियों को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट है। परमार्थ निकेतन आश्रम छावनी में तब्दील हो गया है। पौड़ी जिले से विभिन्न थानों और चौकियों से पुलिस फोर्स आश्रम में पहुंची है।
 
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रपति की सुरक्षा में कोई चूक न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने आश्रम के कर्मचारियों और पुलिस जवानों की कोविड-19 जांच की गई है। इस दौरान करीब 250 लोगों का आरटीपीसीआर जांच की गई है।

कई जनपदों की पुलिस फोर्स पहुंची तीर्थनगरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के भ्रमण की तैयारियों को लेकर पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जनपदों की पुलिस फोर्स परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंची है। राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में पांच एएसपी, आठ सीओ, चार निरीक्षक, 34 उप निरीक्षक, 28 हेड कांस्टेबल, 180 पुरुष कांस्टेबल, 50 महिला कांस्टेबल, 12 यातायात कांस्टेबल, ढाई प्लाटून पीएससी, एसडीआरएफ, एटीएस आदि शामिल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here