तालिबान के आश्वासन के बावजूद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित गुरुद्वारा करता परवन में तालिबानी लड़ाकों ने हथियारों के साथ एंट्री की है. इन तालिबानी लड़ाकों ने पवित्र गुरुद्वारे में तोड़फोड़ की है और कई लोगों को हिरासत में ले लिया. इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष ने इस बात की पुष्टि की है कि तालिबान के अधिकारी गुरुद्वारा करते परवन में दाखिल हुए हैं.
इंडियन वर्ल्ड फोरम के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने कहा, ‘मुझे काबुल से चौंकाने वाली रिपोर्ट मिली है. अज्ञात भारी हथियारों से लैस तालिबान अधिकारियों का एक समूह काबुल में गुरुद्वारा करता परवन के अंदर घुस गया.’ चंडोक ने आगे बताया कि तालिबान अधिकारियों ने सिख समुदाय के कई लोगों को हिरासत में लिया है.
गुरुद्वारे में तोड़फोड़ कर रहे हैं तालिबानी
पुनीत सिंह चंडोक ने कहा, उन्होंने गुरुद्वारे में मौजूद समुदाय को हिरासत में ले लिया है. स्थानीय लोगों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि अधिकारियों ने गुरुद्वारे के सीसीटीवी कैमरों को तोड़ दिया है और वर्तमान में गुरुद्वारे में तोड़फोड़ कर रहे हैं. लेटेस्ट रिपोर्ट्स में बताया गया है कि स्थानीय गुरुद्वारा प्रबंधन मौके पर पहुंचने वाला है. इससे पहले, तालिबान ने निशान साहिब को अफगानिस्तान के पूर्वी पख्तिया प्रांत (Paktia province) के गुरुद्वारा थाला साहिब (Gurdwara Thala Sahib) से हटाया था. गुरुद्वारा पख्तिया के चमकनी इलाके में स्थित है. यहां पर एक बार गुरु नानक देव भी पहुंचे थे.
तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने की चरमपंथी समूह से बात
विशेष रूप से 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वादा किया था कि महिलाओं के अधिकारों, मीडिया के अधिकारों, मीडिया की स्वतंत्रता और सरकारी अधिकारियों के लिए माफी का ध्यान रखा जाएगा. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत और चरमपंथी समूह ने कतर में एक बैठक की थी. कतर (Qatar) में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने दोहा (Doha) में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई (Sher Mohammad Abbas Stanekzai) के साथ चर्चा की.