दक्षिण भारत में तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई रविवार को प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई और इसकी फोटो भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की। उन्होंने लिखा कि दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम, महाकुंभ मेले का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्थाओं की सराहना की। 

संगम में स्नान के बाद अन्नामलाई ने अरैल स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में पहुंचकर स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। अन्नामलाई ने परमार्थ त्रिवेणी पुष्प प्रांगण में रुद्राक्ष के पौधे का रोपण किया, जो इस पवित्र भूमि पर आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति की प्रतीक के रूप में स्थापित होगा। यह भारत की हरित समृद्ध धार्मिक परंपराओं और पर्यावरणीय संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परमार्थ पहुंचकर स्वामी चिदानंद का लिया आशीर्वाद

स्वामी चिदानन्द सरस्वती और डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती के साथ हुई इस मुलाकात में अन्नामलाई  ने इस क्षेत्र की अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की सराहना और इस मुलाकात को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि इस पवित्र भूमि की यात्रा को अनमोल अनुभव के रूप में याद किया जाएगा। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्थाए अत्यंत उत्कृष्ट और अद्वितीय हैं, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक सुगम और सुरक्षित अनुभव प्रदान करती हैं। 

चिदानंद बोले- यह प्रयागराज भौतिक नहीं, आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र

स्वामी जी ने कहा कि प्रयागराज का संगम केवल एक भौतिक स्थल नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है, जहां हर भक्त अपनी आस्था और विश्वास के साथ आकर अपने पापों से मुक्त होने की प्रार्थना करता है। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ के माध्यम से हम सब एकजुट होकर देश और दुनिया में शांति, समृद्धि और एकता की भावना को प्रसारित करने में सफल होंगे।

तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि प्रयागराज एक अद्वितीय स्थल है, जो भारत की सभ्यता की शाश्वत आत्मा का प्रतीक है, जो हजारों वर्षों से समृद्ध हो रही है। उन्होंने कहा कि 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र भूमि पर यमुना, गंगा और सरस्वती नदियों से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आए हैं।