आपके आईफोन, आईपैड और एपल कंपनी के टेक प्रोडक्ट से संवेदनशील जानकारी लीक हो सकती है। इनका सही उपयोग न करने पर आप स्पूफिंग के भी शिकार हो सकते हैं। केंद्र सरकार की सुरक्षा सलाहकार भारतीय कंप्यूटर आपात प्रक्रिया टीम (CERT-in) ने एपल के उत्पादों ने कई खामियां पकड़ी हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार ने यूजर्स के लिए एडवाइजरी भी जारी की है।
केंद्र सरकार की टीम ने एपल के सॉफ्टवेयर जिसमें iOS and iPadOS के वर्जन 17.6 और 16.7.9 से पहले, macOS Sonoma के वर्जन 14.6 से पहले, macOS Ventura के वर्जन 13.6.8 से पहले, macOS Monterey के वर्जन 12.7.6 से पहले, watchOS के वर्जन 10.6 से पहले, tvOS के वर्जन 17.6 से पहले, visionOS के वर्जन 1.3 से पहले, Safari के वर्जन 17.6 से पहले में कई खामियां पकड़ी हैं। इसमें सामने आया है कि अगर यूजर्स कंपनी के इस वर्जन से पहले का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे हैं तो उनको खतरा हो सकता है।
एडवाइजरी में कहा गया है कि एपल प्रोडक्ट पर सामने आईं कमजोरियों के जरिये कोई भी साइबर हमलावर संवेदनशील जानकारी तक पहुंच सकता है। साथ ही खुद ही कोड जनरेट करके सुरक्षा प्रतिबंधों को तोड़ सकता है। इसके अलावा सिस्टम को निष्क्रिय करके स्पूफिंग हमले कर सकता है। एडवाइजरी के मुताबिक यह कमजोरियां हाई रिस्क वाली हो सकती हैं। हालांकि एप्पल ने पिछले दिनों नए सुरक्षा अपडेट जारी किए थे। जो कि उसकी वेबसाइट पर हैं। केंद्र सरकार की टीम ने भी वेबसाइट के जरिये सॉफ्टवेयर अपडेट करने की बात कही है।
बता दें कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने iPhone, iPad, MacBooks और VisionPro के लिए भी चेतावनी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि एपल के प्रोडक्ट में रिमोड कोड एक्सेस हो सकता है। इसके लिए सुरक्षा उपायों की जरूरत है। केंद्र सरकार ने इस बारे में यूजर्स को भी सचेत किया था।