गूगल का नया अपडेट दुनिया भर के करोड़ों एंड्रॉयड यूज़र्स के लिए अहम साबित हो सकता है। यदि आपका स्मार्टफोन Android 12 या उससे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहा है, तो यह खबर खास तौर पर आपके लिए है। गूगल ने हाल ही में जो बदलाव किए हैं, उनके चलते आपको या तो अपने फोन को अपडेट करना पड़ेगा, या फिर नया फोन लेना ही एकमात्र विकल्प होगा।
दरअसल, गूगल एंड्रॉयड ऐप्स के काम करने के सिस्टम में बड़ा बदलाव कर रहा है, जिससे पुराने वर्जन पर चल रहे कई फोन में ऐप्स फेल हो सकते हैं या सुरक्षा संबंधी खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। सिक्योरिटी ब्रीच का सीधा मतलब है कि कोई अनजान व्यक्ति आपके डिवाइस का कंट्रोल हासिल कर सकता है।
क्या है नया अपडेट?
गूगल अब ऐप डेवलपर्स को Google Play Integrity API इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। यह एक उन्नत सिक्योरिटी टूल है जिसकी मदद से ऐप्स बॉट्स, फ्रॉड और अनऑथराइज्ड ऐक्सेस को पहचान सकते हैं। हालांकि यह तकनीक अधिक सुरक्षा और बेहतर यूजर एक्सपीरियंस देती है, लेकिन इसका असर उन यूज़र्स पर पड़ेगा जो Android 13 से पुराने वर्जन पर बने हुए हैं।
मई से लागू होगी नई व्यवस्था
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मई से यह API अनिवार्य कर दी जाएगी। इसके बाद ऐप डेवलपर्स आसानी से ट्रैक कर पाएंगे कि उनके ऐप्स अलग-अलग सिस्टम पर कैसे काम कर रहे हैं। इससे न केवल प्रदर्शन बेहतर होगा, बल्कि ऐप्स का उपयोग भी ज्यादा सुरक्षित और प्राइवेट बनेगा। हालांकि, जिन यूज़र्स के पास Android 12 या उससे पुराने वर्जन वाले डिवाइस हैं, उनके लिए ऐप्स के क्रैश होने या सही से न चलने की आशंका है।
200 मिलियन यूज़र्स पर असर
आज भी करीब 20 करोड़ यूज़र्स Android 12 या उससे पुराने वर्जन पर काम कर रहे हैं। चूंकि गूगल इन वर्जनों को अब सिक्योरिटी पैच देना भी बंद कर चुका है, ऐसे में ये डिवाइसेस अब ‘अनसेफ ज़ोन’ में आ चुके हैं। इससे साइबर हमलों का खतरा बढ़ गया है। अगर आप चाहते हैं कि आपका फोन सुरक्षित बना रहे, तो नया डिवाइस लेना ही समझदारी होगी।