5G के बाद भारत अब तेजी से 6G टेक्नोलॉजी की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हाल ही में दूरसंचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने ‘BHARAT 6G 2025’ कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि 6G से जुड़े 111 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिल चुकी है। इन परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये का फंड भी जारी किया गया है। खास बात यह है कि 6G पेटेंट दाखिल करने में भारत अब दुनिया के शीर्ष 6 देशों में शामिल हो गया है।
6G की स्पीड: 5G से 100 गुना तेज
मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी के अनुसार, 6G तकनीक टेराहर्ट्ज़ फ्रीक्वेंसी बैंड पर काम करेगी और इसकी अधिकतम स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक हो सकती है। यह गति 5G की तुलना में 100 गुना तेज होगी। अगर ऐसा हुआ तो बड़ी फाइलें महज कुछ सेकंड में डाउनलोड हो सकेंगी। इंटरनेट इस्तेमाल, वीडियो कॉलिंग और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर मूवी देखने के दौरान स्लो स्पीड की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
ग्लोबल लीडर बनने की ओर भारत
दूरसंचार राज्य मंत्री ने बताया कि भारत में कुशल वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की मौजूदगी के चलते देश 6G तकनीक में ग्लोबल लीडर बन सकता है। 6G रिसर्च और इनोवेशन के लिए पर्याप्त समय है, जिससे न केवल मौजूदा उद्योगों में प्रगति होगी, बल्कि कई नए उद्योग भी उभरेंगे।
आर्थिक वृद्धि में योगदान
6G टेक्नोलॉजी के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में 2035 तक लगभग 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान होने की संभावना है। हालांकि, 6G सेवा के आम जनता के लिए रोलआउट की तारीख अभी स्पष्ट नहीं है।
5G में कड़ी टक्कर
वर्तमान में 5G सेगमेंट में रिलायंस जियो और एयरटेल का दबदबा है, जबकि वोडाफोन आइडिया भी अपने 5G नेटवर्क के विस्तार में जुटा हुआ है। अब देखना होगा कि 6G की दौड़ में भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ता है।