दिल्ली स्थित यशोभूमि (इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर) में आयोजित सेमीकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विशेषज्ञों से मुलाकात कर तकनीकी प्रोजेक्ट्स और उत्पादों का अवलोकन किया।
सम्मेलन के पहले दिन उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि आज दुनिया भारत पर भरोसा कर रही है और सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का भविष्य भारत के साथ गढ़ना चाहती है। उन्होंने चिप्स को 21वीं सदी का “डिजिटल डायमंड” बताया।
1.5 लाख करोड़ का निवेश, 10 प्रोजेक्ट्स पर काम जारी
प्रधानमंत्री ने बताया कि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और जल्द ही यह एक ट्रिलियन डॉलर को पार कर जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत इस उभरते सेक्टर में अहम हिस्सेदारी हासिल करेगा।
पीएम ने याद दिलाया कि 2021 में सेमिकॉन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी। 2023 में पहला सेमीकंडक्टर प्लांट स्वीकृत हुआ, 2024 में कई और योजनाओं को मंजूरी मिली और 2025 में पांच नए प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई। वर्तमान में 10 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जिनमें 18 अरब डॉलर यानी 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश है।
निवेशकों को मिली नई सुविधा
प्रधानमंत्री ने कहा कि “फाइल से फैक्ट्री” का समय घटाना जरूरी है। इसी दिशा में सरकार ने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया है, जिससे उद्योगों को केंद्र और राज्य की मंजूरियां एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हो रही हैं। इससे निवेशकों को कागजी अड़चनों से राहत मिली है।
देशभर में बन रहे सेमीकंडक्टर पार्क्स
पीएम मोदी ने बताया कि देशभर में प्लग-एंड-प्ले मॉडल पर सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इनमें जमीन, बिजली, हवाई और समुद्री कनेक्टिविटी के साथ प्रशिक्षित मानव संसाधन की आसान उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि जब मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर को PLI इंसेंटिव और डिजाइन-लिंक्ड ग्रांट जैसी नीतियों से जोड़ा जाता है, तो औद्योगिक विकास तेज होता है। यही कारण है कि भारत में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ रहा है और देश सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है।