सैमसंग के एक्सपोर्ट में आई गिरावट, भारत की मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की कोशिशों को झटका

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सैमसंग के मोबाइल फोन निर्यात में करीब 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह यह मानी जा रही है कि कंपनी अब स्मार्टफोन के लिए केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना का लाभ नहीं उठा पा रही है। यह गिरावट भारत के वैश्विक स्मार्टफोन विनिर्माण केंद्र बनने की दिशा में एक चुनौती मानी जा रही है।

तीन तिमाहियों में गिरता गया एक्सपोर्ट
FY25 की जून तिमाही में सैमसंग ने लगभग 1.17 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन निर्यात किए थे। वहीं, FY26 की पहली तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) में यह आंकड़ा घटकर 950 मिलियन डॉलर पर आ गया। यह गिरावट FY25 की जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले भी अधिक है, जब कंपनी ने 1.2 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया था।

PLI योजना से बाहर क्यों हुई कंपनी?
सैमसंग अब PLI स्कीम से मिलने वाले प्रोत्साहन का पात्र नहीं है, क्योंकि योजना की पांच वर्षीय अवधि (FY21-FY25) पूरी हो चुकी है। कंपनी FY22 में कोविड-19 के चलते निर्धारित लक्ष्य नहीं पूरा कर पाई, जिसके चलते उसे उस वर्ष का इंसेंटिव नहीं मिला। अब कंपनी सरकार से अनुरोध कर रही है कि उसे FY26 में FY22 की भरपाई का एक और अवसर दिया जाए।

भारत की प्रतिस्पर्धा कमजोर पड़ने की आशंका
रिपोर्टों के अनुसार, भारत में विनिर्माण लागत वियतनाम की तुलना में करीब 10 प्रतिशत और चीन से लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। PLI स्कीम के अंतर्गत मिलने वाले 4-6 प्रतिशत प्रोत्साहन से इस लागत का अंतर कुछ हद तक संतुलित किया जा रहा था। यदि यह सहायता नहीं मिली, तो कंपनियां भारत के स्थान पर वियतनाम या चीन जैसे सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर सकती हैं।

अन्य कंपनियों पर भी असर संभव
सिर्फ सैमसंग ही नहीं, बल्कि Dixon Technologies और Apple जैसी कंपनियों को भी FY26 के बाद PLI योजना से बाहर होना पड़ सकता है। Dixon, भारत में Motorola, Google और Xiaomi जैसे ब्रांड्स के लिए स्मार्टफोन का निर्माण करती है। यदि ये कंपनियां भी इंसेंटिव की अनुपस्थिति में अपने उत्पादन या निर्यात में कटौती करती हैं, तो भारत का स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने का लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।

सरकार की स्थिति
सरकार ने माना है कि प्रोत्साहन योजना की अनुपस्थिति में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है। हालांकि, मौजूदा PLI स्कीम को आगे बढ़ाने पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हाल ही में सरकार ने 22,919 करोड़ रुपये की नई कंपोनेंट PLI योजना की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य स्थानीय मूल्यवर्धन को प्रोत्साहित करना है।

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