नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) के लिए सोमवार का दिन राहत भरा साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) बकाये से जुड़े एक अहम मामले में केंद्र सरकार को पुनर्विचार की अनुमति दे दी है। अदालत ने कहा कि यह मामला सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र (policy domain) में आता है, इसलिए इस पर निर्णय लेने का अधिकार केंद्र के पास है।

यह फैसला वोडाफोन आइडिया के भविष्य के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, जो बीते कई सालों से अपने बकाये और वित्तीय दायित्वों के दबाव में संघर्ष कर रही है।

सरकार को नीति निर्माण का अधिकार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि AGR बकाये का पुनर्मूल्यांकन एक नीतिगत मामला है और सरकार इसमें जरूरी कदम उठा सकती है। अदालत के इस रुख से केंद्र सरकार को नीति के स्तर पर राहत देने या नया समाधान खोजने का रास्ता मिल गया है। इससे वोडाफोन आइडिया को अपनी देनदारियों का बोझ कम करने में मदद मिल सकती है।

वित्तीय संकट के बीच मिली नई उम्मीद
वोडाफोन आइडिया लंबे समय से भारी आर्थिक दबाव झेल रही है। कंपनी के ऊपर मौजूद बकाये की वजह से न तो वह निवेशकों को आकर्षित कर पा रही थी और न ही अपने परिचालन को स्थिर रख पा रही थी। सुप्रीम कोर्ट से मिली यह राहत अब कंपनी को निवेश जुटाने और संचालन बनाए रखने की दिशा में नई उम्मीद दे सकती है।

शेयर बाजार में दिखा असर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर शेयर बाजार में तुरंत नजर आया। खबर आने के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में 9% से अधिक की तेजी दर्ज की गई और कंपनी के शेयर 10.49 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। निवेशकों ने इस फैसले को कंपनी के लिए सकारात्मक संकेत माना है, जिससे बाजार में नई ऊर्जा देखी जा रही है।