टीईटी शिक्षक संघ की ओर से समाज में शिक्षकों के सम्मान की पुनर्स्थापना पर परिचर्चा सह शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में कांग्रेस रिसर्च एवं मेनिफेस्टो कमिटी बिहार प्रदेश कांग्रेस के चेयरमैन ने परिचर्चा में भाग लेते हुए शिक्षकों के प्रति सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि सरकार, शिक्षकों को विभिन्न हथकंडे अपना कर अपमानित करने का काम कर रही है। सरकार अगर सही में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहती है तो शिक्षकों को पूरा मान सम्मान और उचित वेतनमान व सुविधाएं देनी चाहिए। शिक्षकों ने एकजुट से कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन की लड़ाई दमदार तरीके से लड़ी जाएगी।
इन्हें किया गया सम्मानित
मुख्य अतिथि आनंद माधव ने पूरे बिहार के शिक्षक आंदोलन में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वाले 10 शिक्षकों को उत्कृष्ट शिक्षक नेतृत्वकर्ता सम्मान से सम्मानित किया। धर्मेंद्र कुमार, राहुल देव सिंह, आनेन्दू कुमार आलोक, ओम प्रकाश, साकेत भारद्वाज, कुमार सौरभ, सुधीर कुमार, उदय शंकर सिंह, हिमांशु शेखर सिंह एवं कुमारी अंशु को उत्कृष्ट शिक्षक नेतृत्वकर्ता सम्मान से सम्मानित किया गया।
चाणक्य की तरह देनी चाहिए शिक्षा
टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक अमित विक्रम ने अपने संबोधन में शिक्षकों को चाणक्य के वंशज बताते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार चाणक्य ने घनानंद का अहंकार चूर किया। उसी प्रकार अगर बिहार के शिक्षक एकजुट हो जाएं तो वे अपने ऊपर होने वाले अन्याय को रोक सकते हैं। साथ ही साथ उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने प्राथमिक कर्तव्य को अच्छा से पूरा करें और विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें।
एकजुट होकर लड़ाई लड़ने पर जोर
अध्यक्षीय संबोधन में आनंद मिश्रा ने टीईटी शिक्षकों को पूरे बिहार में एकजुट होकर संघर्ष करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टीईटी शिक्षक योग्य और क्षमतावान हैं। अगर पूरे बिहार के शिक्षक एकजुट हो जाएं तो उन्हें नियमित शिक्षकों के समान वेतनमान व अन्य सुविधाएं लेने से कोई नहीं रोक सकता। शिक्षकों के सम्मान की पुनर्स्थापना तभी होगी जब शिक्षक अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और साथ ही साथ अपने कर्तव्य पालन पर भी उचित ध्यान देंगे।