कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. दक्षिण अफ्रीका में मिला ये वैरिएंट डेल्टा से भी खतरनाक कहा जा रहा है. कई देशों ने विदेशों से आनेवाले विमानों पर रोक लगा दी है. भारत में भी इस वैरिएंट को लेकर चिंता का माहौल बना हुआ है. राज्यों ने अपने-अपने हिसाब से इस वैरिएंट से निपटने के लिए तैयारी में लगे हुए हैं. कई राज्यों ने अपने -अपने हिसाब से दिशा निर्देश भी जारी कर दिया है और लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की गुजारिश की है. वहीं केंद्र सरकार ने विदेशों से आनेवाले यात्रियों के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी की है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट के खतरे के मद्देनजर भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सोमवार को नई गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन के मुताबिक, ‘एट रिस्क’ देशों से आने वाले सभी यात्रियों को आने के साथ ही कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा. टेस्टिंग की शर्त तब भी लागू होगी, जबकि आने वाले यात्री पूरी तरह वैक्सीनेटेड हों. अगर आप पॉजिटिव नहीं भी पाए जाते हैं तब भी आपको होम क्वारेंटीन रहना होगा.
-‘एट रिस्क’ यानी खतरे की श्रेणी में रखे गए देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना जरूरी होगा.
-बाहर जाने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले किए गए टेस्ट की रिपोर्ट देना जरूरी होगा.
-पॉजिटिव पाए जाने वाले यात्रियों को आइसोलेट किया जाएगा, सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग होगी.
-निगेटिव पाए गए यात्री घर जा सकेंगे, पर 7 दिन तक आइसोलेट रहना होगा और 8वें दिन फिर टेस्ट होगा और अगले 7 दिन उन्हें सेल्फ मॉनीटिरिंग करनी होगी.
-ओमिक्रॉन के खतरे की श्रेणी से जिन देशों को बाहर रखा गया है, वहां से आने वाले यात्रियों में 5 फीसदी की टेस्टिंग जरूर की जाएगी.
-राज्य भी विदेशों से आने वाले यात्रियों की निगरानी करें, टेस्टिंग बढ़ाएं और कोरोना हॉटस्पॉट की भी निगरानी करें.
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और पूरी एहतियात बरत रही है. उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को राज्य के बॉर्डर पर RT-PCR टेस्टिंग अनिवार्य होगी.