कोरोना की चुनौतियों ने दिखाई नई राह, देश में बढ़ीं सुविधाएं: केंद्रीय मंत्री डॉ.भारती

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर की ओर से बुधवार को तीन दिवसीय क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में स्वास्थ्य सुविधाओं की चुनौतियाें ने भी नई राह दिखाई। यही वजह है कि महामारी के बाद से सुविधाओं में न केवल बढ़ोतरी हुई बल्कि आने वाले दिनों में इस तरह की महामारी से निपटने में अब किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी।

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में डॉ. भारती ने कहा कि मजबूत स्वास्थ्य के लिए बेहतर आधारभूत ढांचा होना बहुत जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए जांच, बेड बढ़ाए जाने के साथ ही डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है। कोविड में भी ऑनलाइन ट्रेनिंग के साथ ही जिस तरह मजबूती के साथ भारत ने महामारी का सामना किया, उससे दुनिया के कई देशों को सीख भी मिली। स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने सरकार के कार्यों की सराहना की।

महामारी से निपटने में  प्रशिक्षण की भूमिका अहम

उन्होंने बताया कि जिस तरह महामारी आती जा रही है, उसमें प्रशिक्षण की भूमिका और भी अहम होती है। इससे समय रहते महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इन सबको लेकर योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बदलते समय के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल हो रहा है। इसका लाभ डॉक्टरों के साथ ही मरीजों को भी मिल रहा है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बीमारियों के नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में बताया।

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने केंद्र सरकार के सहयोग से कोविड काल की तरह ही आने वाले दिनों में अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या बढ़ाए जाने की बात कही। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी एस राजलिंगम, सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. अतुल सिंह, डॉ. एके मौर्या आदि मौजूद रहे।

मेडिकल कॉलेजों में सीट बढ़ी
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की ओर भी ध्यान दिया गया है। वर्ष 2014 से पहले देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी जो बढ़कर 655 पहुंच गई है। एमबीबीएस की सीट 51 हजार थी वो भी बढ़कर एक लाख पहुंच गई है। पीजी की सीट जो 2014 से पहले 31 हजार थी, वो अब 65 हजार को पार कर रही है।

बताईं ये महत्वपूर्ण बातें

  • आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में व्यवस्था में सुधार हो रहा है। इसमें योग, कैंसर, हाइपरटेंशन आदि की स्क्रीनिंग भी होती है।
  • टेलीकंसल्टेंसी के माध्यम से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को जोड़कर ग्रामीण इलाकों में बैठे डॉक्टरों को दूसरे संस्थानों के डॉक्टरों से परामर्श की सुविधा मिल रही है। 
  • जन औषधि केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता के साथ ही मानक के अनुसार सभी दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • प्रधानमंत्री नेशनल हेल्थ इंफ्रास्टक्चर मिशन के तहत बेड, लैब सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
  • आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत मरीज का इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड बनाया जाएगा। मरीज कहीं से भी किसी भी डॉक्टर को जांच रिपोर्ट दिखा सकता है।
  • मेंटल केयर हेल्थ के तहत विशेष परामर्श की सुविधा भी दी जा रही है।

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