सरकार और किसानों संगठनों के बीच गतिरोध बरकरार, अगली बैठक 8 जनवरी को होगी

किसान आंदोलन का आज यानी सोमवार को 40वां दिन है. प्रदर्शन 40वें दिन खत्म हो जाएगा या आगे और उग्र होगा यह आज पता चल जाएगा. आज किसान संगठनों और सरकार के बीच आज 8वें दौर की बातचीत होनी है. मीटिंग दोपहर 2 बजे होगी. किसान फिलहाल तीनों कानूनों की वापसी की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने की किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात

केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों से मुलाकात की. आज किसान सरकार से अगले दौर की बातचीत कर रहे हैं.

किसानों ने विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के दौरान किया भोजन

दिल्ली: किसान प्रतिनिधियों ने विज्ञान भवन में लंच ब्रेक के दौरान भोजन किया, विज्ञान भवन में सरकार तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों के साथ बातचीत कर रही है.

आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को किया गया याद

किसानों संग केंद्रीय मंत्रियों ने आज मीटिंग शुरू करने से पहले दो मिनट का मौन रखा. यह मौन उन किसानों के लिए था जिन्होंने इस आंदोलन के दौरान अलग-अलग वजहों से जान गंवाई. इसमें कुछ किसानों ने कथित रूप से सुसाइड किया. कुछ ने ठंड से तो कुछ ने हादसों में जान गंवाई

सरकार से साथ बातचीत के लिए निकले किसान

सरकार के साथ 8वे दौर की बातचीत ये लिए तमाम किसान नेता एक बार फिर 2 बसों में सवार होकर सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन की तरफ रवाना.

राकेश टिकैत ने रखी ये मांगें

सरकार के साथ मुलाकात से पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने क्या कहा –– हमारी तीन प्रमुख मांगे रहेंगी, तीनों कानूनों को वापस लें, MSP पर कानून और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू हो, जितना जल्दी मान लेंगे अच्छा होगा।
– सरकार किसानों के साथ बातचीत को लाइव दिखाए, जनता को पता चले कि सरकार क्या बात करती है?
-हम मांगे ना माने जाने तक यहीं बैठे रहेंगे फरवरी में जब बजट सत्र होगा तो देखेंगे कि विपक्ष किसानों के पक्ष में क्या बोलता है.
– उम्मीद है कि सरकार आज कुछ किसानों के लिए करेगी.
– हर 16 घंटे में एक किसान (आंदोलन में शामिल) की मौत हो रही है.

मीटिंग से पहले क्या बोले राकेश टिकैत

गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद राकेश टिकैत ने कहा कि आज बहुत सी बातों पर बात होगी. सरकार को समझना होगा कि किसान आंदोलन से दिल से जुड़े हैं और उन्हें कानून वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा. सरकार को स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए और MSP पर कानून बनाना चाहिए.

आज 2 अहम मुद्दों पर होगी किसान-सरकार की बात

कृषि कानूनों का रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर्स पर बैठे किसानों के आंदोलन का आज 40वा दिन है. आज एक बार फिर सरकार और किसान नेताओं के बीच वार्ता होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ये बात कह चुके हैं कि कृषि कानून किसानों के हित में है इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.राजनाथ सिंह ने भी कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताते हुए कहा है कि दो साल तक इस कानून का प्रयोग करके देखें, फिर भी चिंता रही तो एक्सपर्ट के साथ बैठ कर समीक्षा कर लेंगे. उन्होंने कहा था कि तर्क पर आधारित बातचीत होनी चाहिए. यदि सरकार को पता चलता है कि किसी भी खंड में संशोधन करने की आवश्यकता है, तो वह ऐसा करेगी. समाधान बातचीत से ही निकल सकता है. 30 तारीख हुई वार्ता में 2 विषयों पर आपसी सहमति बनी है और आज एमएसपी और तीनों कानूनों को रद्द करने वाली किसानों की मांग पर दोनों पक्षों के बीच अहम वार्ता होगी.

किसानों_से_वार्ता_सफल_करो कर रहा ट्रेंड

ट्विटर पर आज #किसानों_से_वार्ता_सफल_करो ट्रेंड कर रहा है. बता दें कि आज किसान संगठनों और सरकार के बीच 7वें दौर की मीटिंग होनी है.

सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है. आज किसानों और केंद्र सरकार की बैठक होगी.

किसानों के समर्थन में बौद्ध भिक्षु

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है. प्रदर्शन में बौद्ध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया. एक ने बताया, “हम लखनऊ से आए हैं. किसान सड़क पर है इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं.जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे.”

राहुल गांधी ने साधा था केंद्र सरकार पर निशाना

राहुल गांधी ने कल शाम ट्वीट के ज़रिए लिखा कि किसानों को MSP की लीगल गारंटी ना दे पाने वाली मोदी सरकार अपने उद्योगपति साथियों को अनाज के गोदाम चलाने के लिए निश्चित मूल्य दे रही है. सरकारी मंडियां या तो बंद हो रही हैं या अनाज खरीदा नहीं जा रहा. किसानों के प्रति बेपरवाही और सूट-बूट के साथियों के प्रति सहानुभूति क्यूं?

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