कोरोना वायरस रोधी टीके की बूस्टर खुराक की जरूरत, समय और प्रकृति वैज्ञानिक निर्णयों के आधार पर होगी। यह बात नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संसद में कहा है कि बूस्टर खुराक देने की शुरुआत कब से करनी है, इसकी कितनी जरूरत है और यह किस तरह की होगी, यह सब वैज्ञानिक फैसलों के आधार पर तय किया जाएगा। सरकार इस काम में लगी हुई है।
वहीं, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट की गंभीरता को लेकर डॉ. पॉल ने कहा कि शुरुआती चरणों में कोविड हमेशा हल्के लक्षणों के साथ आता है। हम नए सामने आ रहे मामलों पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। महामारी की तीसरी लहर की आशंका को लेकर उन्होंने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समन्वयित प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही देश में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन भी बढ़ाया गया है।
‘देश किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार’
डॉ. पॉल ने कहा कि हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। पिछली लहरों से सबक लेते हुए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। ऑक्सीजन की उपलब्धता और उसे पहुंचाए जाने के काम में समन्वय के लिए एक डाटा सिस्टम ‘ऑक्सीकेयर’ लॉन्च किया गया है। बता दें कि कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक ओमिक्रॉन वैरिएंट के सामने आने के साथ ही आशंकाएं बढ़ी हैं और कोविड टीके की बूस्टर खुराक दिए जाने की मांग भी उठी है।
सक्रिय केस की संख्या 575 दिन में सबसे कम
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या इस समय 78,190 है जो पिछले 575 दिन में सबसे कम है। वही, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के अब तक देश में 213 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से दिल्ली में 57, महाराष्ट्र में 54 और तेलंगाना में 24 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत देश में कोरोना टीके की अब तक 138.69 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं।