विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज का विधेयक पास होने से पहले बजट आवंटन पर सवाल किया। सौरभ ने कहा कि जब चंदूलाल का बिल नहीं आया, तो बजट कैसे कर सकते है। निजी संपत्ति को सरकार कैसे पैसा दे सकते हैं। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि बिल ही गलत है, तो खर्च कैसे मांग सकते हैं। पूरा विनियोग विधेयक ही गलत हो गया। जो चीज अस्तित्व में नहीं है, तो चर्चा कैसे हो सकती है। सरकार से गलती हुई है, उसे स्वीकार करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जो चीज हाउस की प्रापर्टी नहीं है। उस पर चर्चा कैसे हो सकती है। पहले मंत्री का बयान आए। विधेयक को रद किया जाए।
इस पर मंत्री शिव डहरिया ने टोका और कौशिक से कहा कि तो चर्चा मत करो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले सत्र में कहा था कि अधिग्रहण करेंगे। इसके लिए प्रावधान करेंगे। बहुत सी योजनाएं अस्तित्व में नहीं होती, लेकिन बजट में प्रावधान किया जाता है। बृजमोहन ने कहा कि बिना अधिसूचना के मद कैसे तय हो सकता है। कोई अधिसूचना जारी हुई है क्या। मंत्री अकबर ने कहा कि अधिग्रहण की मंत्रिमंडल से मंजूरी हुई है। कौशिक ने कहा कि ऐसा बहुत बार होता है कि जो कैबिनेट में पास हो, उसे सदन में नहीं रखा जाता है।
ओबीसी आरक्षण पर भी कैबिनेट में निर्णय हुआ था, लेकिन अब तक सदन में नहीं आया। मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि प्रावधान कर सकते हैं, अगर कोई नियम नहीं है, तो उसे दिखा दें। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कालेज में जो छात्र पढ़ रहे हैं, उनको लाभ मिलेगा। छात्रों को बना बनाया मेडिकल कालेज मिल गया। नया मेडिकल कालेज बनाने में 500-600 करोड़ और 5-6 साल लग जाता है। 2016 में शुरू हुए मेडिकल कालेज आज तक पूरे नहीं हो पाए हैं। लेनदारी-देनदारी में अधिग्रहण से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पहले साल में ही 150 डाक्टर मिलेंगे।