विश्व कप के दस मैचों में हमारी टीम चैंपियन की तरह खेली। सब काफी उत्साहित थे और ऊर्जा से लबरेज थे लेकिन 19 नवंबर हमारे लिए बुरा दिन था। इसलिए किसी एक चीज को दोष नहीं दे सकते लेकिन मैं समझता हूं कि यदि 300 या उससे ज्यादा रन होते तो मैच बन सकता था। यह बात भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कही।
विश्व कप के बाद शमी इन दिनों अपने गांव अमरोहा के सहसपुर अलीनगर आए हुए हैं। वह परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं और गांव के युवाओं से मिल रहे हैं। बृहस्पतिवार को शमी ने गांव में अपने फार्म हाउस पर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि फाइनल से पहले वाली रात हम सब काफी उत्साहित थे।
टीम में आत्मविश्वास था, योजनाबद्ध तरीके से मैदान में उतरने की तैयारी की थी। निश्चित रूप से बड़े मैच का प्रेशर रहता है। हमारे रन भी कम रह गए थे, कम से कम 300 रन होते तो शायद मौका बन सकता था। एक प्रश्न के जवाब में शमी ने कहा कि विश्वकप के शुरुआती मुकाबलों में मुझे अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली इस बात का मलाल नहीं है।
मेरे लिए जरूरी है कि भारत मैच जीते फिर चाहे शमी, बुमराह सिराज विकेट ले। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। शमी ने कहा कि मेरी तरह अश्विन भी बेंच पर थे, फिर मैं ऐसा कैसे सोच सकता हूं कि मुझे मौका नहीं मिल रहा।
अपने गांव पहुंचे शमी, मां ने गले लगाकर दुलारा
क्रिकेट विश्वकप में शानदार प्रदर्शन करने वाले भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शमी बुधवार को ही अपने गांव सहसपुर अलीनगर पहुंचे। घर पहुंचते ही मां ने उन्हें गले लगा लिया और दुलारा। शमी ने मां से आशीर्वाद लिया और उनकी सेहत के बारे में पूछा। शमी ने इस लम्हे को सोशल मीडिया पर साझा भी किया।
उन्होंने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि आप मेरे लिए सब कुछ हैं मां… आशा है आप जल्द स्वस्थ महसूस करेंगी। भले ही भारतीय टीम विश्वकप फाइनल में हार गई लेकिन परिजनों और साथियों ने शमी के शानदार प्रदर्शन पर खुशी जाहिर की है। जिले के लोगों ने सोशल मीडिया पर शमी की सराहना में पोस्ट किए हैं।
बुधवार को घर पहुंचने के बाद शमी ने काफी समय परिवार के साथ बिताया। इसके बाद शाम को शमी फार्म हाउस पहुंचे और दोस्तों से मिले। विश्वकप को लेकर उन्होंने खूब चर्चा की। 19 नवंबर को फाइनल मैच के दौरान उनके गांव में अलग ही माहौल था। प्रधान की ओर से बड़ी स्क्रीन लगवाई गई थी।
फाइनल से पहले किसी खिलाड़ी को नहीं आई नींद
मोहम्मद शमी के बड़े भाई हसीब ने बताया कि शमी ने टीम व विश्वकप के सफर से जुड़ी कुछ बातों को परिवार से साझा किया। उन्होंने बताया कि फाइनल मैच से पहले रात में किसी खिलाड़ी को नींद नहीं आई। सभी खिलाड़ी बहुत उत्साहित थे। रोहित के साथ सबने खूब चर्चा की। शमी ने कहा कि भले ही हमारी टीम हार गई हो लेकिन देशवासियों का खूब साथ और प्यार मिला।
मनोबल बढ़ाने पर प्रधानमंत्री का आभार जताया
मोहम्मद हसीब के मुताबिक शमी ने बताया कि टीम के हारने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे ही ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो वह आश्चर्य चकित रह गए। उन्होंने कंधे से लगाकर जिस तरह से टीम का मनोबल बढ़ाया वह बहुत यादगार पल था। हारने के बाद भी प्रधानमंत्री की सराहना राहत देने वाली थी। शमी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर हौसला अफजाई के लिए पीएम का आभार व्यक्त किया है।