कानपुर में गाजे बाजे से गई एक बारात में काजी के निकाह पढ़ाने से मना करने पर डीजे बंद करा दिया गया। इसके बाद काजी ने निकाह पढ़ाया और बरात वाले घर के परिजनों को हिदायत भी दी कि यह तमाशा बंद कीजिये।
शादियों में सादगी बरतने की मुहिम आल इंडिया सुन्नी उलेमा काउंसिल और शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी ने की थी। काउंसिल के महासचिव हाजी मोहम्मद सलीस ने बताया कि बुधवार रात को एक बारात कैंट के झाड़ी बाबा पड़ाव के पास गई।
वहां निकाह शहरकाजी मौलाना मुश्ताक को पढ़ाना था। वे पहुंचे तो देखा कि वहां गाजे बाजे के साथ बरात निकल रही है। इस पर उन्होंने उसे फौरन बंद कराने को कहा। कहा कि अगर बंद नहीं होता है तो वह निकाह भी नहीं पढ़ाएंगे। इसके बाद डीजे वालों को वहां से रवाना किया गया। तब उन्होंने निकाह पढ़ाया। यह बरात बेकनगंज में एक कपड़ा व्यवसायी के बेटे की थी, जो तलाक महल से गई थी।