बेरोजगारी भत्ता को लेकर राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइन

राज्य सरकार ने बेरोजगारी भत्ता को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है। हर माह 2500 रुपए दिए जाएंगे। यह राशि एक साल तक मिलेगी हालांकि इसे एक साल और भी बढ़ाया जा सकता है। वहीं दो साल पूर्व पंजीकृत ही इस भत्ते के लिए पात्र होंगे। इस बेरोजगारी भत्ता की उम्मीद में कबीरधाम जिले में दो माह के भीतर 4500 से अधिक बेरोजगारों ने पंजीयन कराया है। अब जिले में 33 हजार 587 बेरोजगार पंजीकृत है।गाइडलाइन जारी होने के बाद शिक्षित बेरोजगार युवक पंजीयन कराने रोजगार कार्यालय पहुंच रहे हैं। स्थिति ऐसी है रोजगार कार्यालय में प्रतिदिन 150 से 200 के करीब युवा पंजीयन कराने आ रहे है। पूरे जिले में 31 जनवरी की स्थिति में पंजीयन की संख्या 28 हजार 864 थी। फरवरी माह में 31059 व अब 13 मार्च की स्तिथि में 33 हजार 587 पहुच गई है। वही युवक- युवतियां पंजीयन करवाने उत्सुक नजर आ रही हैं।

 शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना के यह है मापदंड 

1. इस योजना के अंतर्गत बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्र शिक्षित युवा को एक वर्ष के लिए बेरोजगारी भत्ता देय होगा। यदि व्यक्ति विशेष को एक वर्ष की उक्त अवधि में लाभकारी नियोजन नहीं हो पाता है तो बेरोजगारी भत्ते की अवधि एक वर्ष के लिए और बढ़ाई जा सकेगी। किसी भी प्रकरण में यह अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।

2. आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो। 

3.आवेदन किये जाने वाले वित्तीय वर्ष के 01 अप्रैल को आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य हो। 

4. आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकेण्डरी (12वीं उत्तीर्ण) शैक्षणिक योग्यताधारी हो।

5. जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में पंजीकृत हो एवं आवेदन के वर्ष के 01 अप्रैल को हायर सेकेण्डरी अथवा उससे अधिक योग्यता मेंउसका रोजगार पंजीयन न्यूनतम दो वर्ष पुराना हो।

6. आवेदक के आय का कोई स्त्रोत न हो एवं आवेदक के परिवार की समस्त स्रोतों से आय रूपये 2,50,000/- वार्षिक से अधिक न हो। परिवार से तात्पर्य है पति पत्नी एवं आश्रित बच्चे एवं आश्रित माता-पिता। 

बेरोजगारी भत्ते की अपात्रता शर्ते:एक परिवार से एक ही व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, यदि किसी परिवार के किसी व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जा चुका है तो दूसरा व्यक्ति अपात्र होगा।

आवेदक के परिवार के किसी भी सदस्य को केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी भी संस्था अथवा स्थानीय निकाय में चतुर्थ श्रेणी या ग्रुप-डी को छोड़कर अन्य नौकरी होने पर ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होगा।

यदि आवेदक को स्वरोजगार या शासकीय अथवा निजी क्षेत्र में किसी नौकरी का ऑफर दिया जाता है, परंतु आवेदक ऑफर स्वीकार नहीं करता है तो ऐसा आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होगा।

पूर्व और वर्तमान मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और संसद या राज्य विधानसभाओं के पूर्व या वर्तमान सदस्यों, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर और जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे।

पेंशनभोगी जो 10,000 रूपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं, के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भते के लिये अपात्र होंगे।

ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले असेसमेंट ईयर में इनकम टैक्स भरा हो उनके परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे।

अन्य पेशेवर जैसे इंजीनियर, डॉक्टर, वकील, चार्टड एकाउंटेंट और पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट के परिवार के सदस्य बेरोजगारी भत्ते के लिये अपात्र होंगे।

बेरोजगारी भत्ते की स्वीकृति की प्रक्रिया:बेरोजगारी भत्ते की विस्तृत योजना की प्रति रोजगार विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरीय प्रशासन विभाग की वेबसाईट पर उपलब्ध रहेगी संबंधित जनपद पंचायतें एवं नगरीय निकाय सभी आवेदकों का पूर्ण रिकार्ड रोजगार विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में अपने पास रखेंगे। संबंधित जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय द्वारा आवेदन का परीक्षण कर यह निर्णय लिया जाएगा कि आवेदक बेरोजगारी भत्ते के लिये पात्र है अथवा नहीं। पात्र आवेदकों को बेरोजगारी भत्ते की स्वीकृति संबंधित जनपद पंचायत एवं नगरीय निकाय द्वारा जारी की जाएगी एवं उनकी ऑनलाइन प्रविष्टि संबंधित निकायों द्वारा की जायेगी।

जिन आवेदकों को जनपद पंचायतो / नगरीय निकायों द्वारा बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया गया है उन्हें बेरोजगारी भत्ते की राशि सीधे उनके बैंक खाते में रोजगार विभाग द्वारा प्रतिमाह अंतरित की जाएगी।यदि बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले को किसी प्रकार का रोजगार प्राप्त हो जाता है तो वह बेरोजगारी भत्ते हेतु अपात्र हो जायेगा एवं उसे तत्काल संबंधित जनपद पंचायत / नगरीय निकाय को सूचित करना होगा और तत्पश्चात् संबंधित जनपद पंचायत / नगरीय निकाय द्वारा उन्हें बेरोजगारी भत्ता बंद करने का आदेश पारित किया जाएगा और बेरोजगारी भत्ते की राशि उन्हें अंतरित करना बंद कर दिया जाएगा।संबंधित जनपद पंचायत / नगरीय निकाय हर 6 माह में बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की जांच कर यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अभी भी बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने के लिये पात्र हैं या अपात्र हो गये हैं। अपात्र हितग्राहियों को नोटिस जारी कर और सुनवाई के पश्चात् अपात्र होने की स्थिति में उनका बेरोजगारी भत्ता बंद करने का आदेश संबंधित जनपद पंचायत / नगरीय निकाय पारित करेंगे तथा उन्हें बेरोजगारी भत्ते की राशि प्रदाय करना बंद कर दिया जाएगा।जिन लोगों को बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत किया जाएगा उन सभी व्यक्तियों को कौशल विकास प्रशिक्षण का ऑफर दिया जाएगा। कौशल विकास प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और यदि वे कौशल विकास प्रशिक्षण में भाग लेने से इनकार करते हैं या ऑफर किया गया रोजगार स्वीकार नहीं करते हैं तो उनका बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया जाएगा।

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